केप टाउन: मध्य क्रम के बल्लेबाजों कीगन पीटरसन (82) और रैसी वान डेर डुसेन (नाबाद 41) के बीच हुई अर्धशतकीय साझेदारी की बदौलत दक्षिण अफ्रीका ने भारत के खिलाफ तीसरे और आखिरी क्रिकेट टेस्ट मैच को चौथे दिन शुक्रवार को लंच के बाद सात विकेट से जीतकर सीरीज 2-1 से अपने नाम की।
मेजबान टीम ने 212 रन के लक्ष्य को तीन विकेट खोकर हासिल कर लिया और भारतीय टीम को एक बार फिर निराश कर दिया। भारतीय गेंदबाजों ने टीम को निराश किया और वे जरूरी विकेट नहीं चटका पाए। दक्षिण अफ्रीका ने पहला टेस्ट गंवाने के बाद क्या बढ़िया वापसी की और दमदार खेल दिखाते हुए जोहानसबर्ग में चौथी पारी में लक्ष्य का पीछा करते हुए बराबरी की और यहां केपटाउन में अपनी जीत पर मुहर लगाई। सुपरस्टार खिलाड़ियों की ग़ैरमौजूदगी में भी दक्षिण अफ़्रीका ने एक टीम के रूप में शानदार खेल दिखाया और फिर एक बार भारत को सीरीज़ जीत से वंचित रखा।
इस मैच में 212 रनों का लक्ष्य इस पिच पर मुश्किल होने वाला था। भारत ने शुरुआती झटका देकर शुरुआत भी अच्छी की थी लेकिन दूसरे विकेट के लिए एल्गर और कीगन पीटरसन की साझेदारी ने भारत को बैकफुट पर धकेल दिया। रिव्यू ने भी भारत का साथ नहीं दिया और आज पीटरसन और रईसी वान डेर डुसेन ने स्कोर को आगे बढ़ाया। भले ही पीटरसन अपने शतक से चूक गए, लेकिन उन्होंने सीरीज़ जीत की मज़बूत नींव रख दी थी और बावुमा ने अपने चाबुक शॉट के साथ टीम की जीत सुनिश्चित की।
भारतीय गेंदबाज़ों ने भरपूर प्रयास किया लेकिन वह सफल नहीं हो पाए। साथ ही आसान रन देना और फ़ील्डिंग में निराश करना उनके काम ना आया। आख़िरकार कप्तान कोहली की इस टेस्ट टीम को ख़ाली हाथ घर वापस लौटना पड़ेगा। हालांकि उन्होंने एक मैच जीतकर विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की अंक तालिका में अहम अंक कमाए।
दक्षिण अफ्रीका ने आज कल के स्कोर दो विकेट पर 101 रन से आगे खेलना शुरू किया और आज का पहला सत्र पूरी तरह उसके नाम रहा। दक्षिण अफ्रीका ने शुक्रवार को लंच तक 55 ओवर में तीन विकेट के नुकसान पर 173 रन बना लिए। और जीत के लिए महज 41 रन उसने लंच के बाद जोड़ लिए। मेजबान टीम ने आज लंच तक 25.2 ओवर खेले और 2.77 के रन रेट के साथ 70 रन बनाए।
पीटरसन ने कल की लय को बरकरार रखते हुए आउट होने से पहले तक शानदार बल्लेबाजी की। भारतीय गेंदबाजों की कड़ी मशक्कत के बावजूद वह लंच तक आउट होने वाले दक्षिण अफ्रीका के एकमात्र बल्लेबाज रहे। उन्होंने अपने और टीम के खाते में 34 रन और जोड़े और साथी बल्लेबाज वान डर डुसेन के साथ तीसरे विकेट के लिए 54 रन की महत्वपूर्ण साझेदारी की, हालांकि वह 10 चौकों की मदद से 113 गेंदों पर 82 रन बना कर आउट हो गए और अपने पहले टेस्ट शतक से चूक गए। शार्दुल ठाकुर ने उनका विकेट चटकाया।
भारत ने हालांकि एक शानदार मौका गंवा दिया, जब पहले स्लिप पर खड़े चेतेश्वर पुजारा ने बुमराह द्वारा फेंकी गई 40वें ओवर की चौथी गेंद पर सेट बल्लेबाज पीटरसन का कैच छोड़ दिया, तब वह 59 रन पर थे। 155 के स्कोर पर पीटरसन के रूप में तीसरा विकेट गिरने के बाद वान डेर डुसेन ने तेम्बा बावुमा के साथ पारी को आगे बढ़ाया। भारतीय गेंदबाजों की तरफ से पुरजोर कोशिश के बावजूद दोनों बल्लेबाजाें ने धैर्य दिखाया और लंच तक और विकेट नहीं खोया। वान डर डुसेन ने दो चौकों की मदद से 72 गेंदों पर 22, जबकि बावुमा ने दो चौकों के सहारे 28 गेंदों पर 12 रन बनाए।
लंच के बाद वान डेर 41 और बावुमा 32 रन पर नाबाद लौटे। वान डेर ने तीन चौके और बावुमा ने पांच चौके लगाए। भारत की तरफ से बुमराह, शमी और ठाकुर ने एक-एक विकेट लिया। यह चौथा मौका है जब भारत ने सीरीज का पहला मैच जीतने के बाद सीरीज गंवाई। इन चार अवसरों में दो-दो मौके दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड के खिलाफ आये।