दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार को जन अधिकार विरोधी करार देते हुए कहा है कि वह शुरू से ही जनता के अधिकारों को खत्म करने की साजिश करती रही है।
गांधी ने एक बयान में सवाल किया है कि जन अधिकारों के बिना दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का कोई मतलब नहीं होता है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार शुरू से जन अधिकारों को ख़त्म करने की कोशिश करती आ रही है। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि मौलिक अधिकारों समेत क्या इन अधिकारों के बिना भारत की कल्पना की जा सकती है।
गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने हमेशा जन अधिकारों को महत्व दिया है और कहा है कि उनकी पार्टी ने जनता को भोजन का अधिकार दिया ताकि किसी को भूख का सामना ना करना पड़े। इसी तरह से शिक्षा का अधिकार दिया है और यही वजह है कि आज बच्चा-बच्चा स्कूल जाता है, एक बेहतर कल बनाता है अपने लिए और देश के लिए।
उन्होंने रोज़गार के अधिकार का भी सवाल उठाया और कहा कि भाजपा के कट्टर विरोध के बावजूद कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने जनता को रोज़गार की सुरक्षा दी। कोविड के मुश्किल समय में भी इससे देशवासियों को सहारा मिला।
कांग्रेस नेता ने कहा कि उनकी सरकार ने सूचना का अधिकार देश की जनता को दिया है क्योंकि लोकतंत्र का दूसरा नाम पारदर्शिता है। जनता को सवाल करने और जवाब पाने का अधिकार है और आर टी आई का अधिकार भी कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार ने ही दिया है। उन्होंने सवाल किया कि इनमें से किस अधिकार से प्रधानमंत्री को आपत्ति है और क्यों है