भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी रवीन्द्र जुगरान ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि हरीश रावत देवभूमि उत्तराखंड में मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति के तहत प्रारंभ से ही बहुसंख्यक हिंदुओं को विभाजित करने की योजना के कुत्सित प्रयास कर रहे हैं जिसमें वो ना पूर्व में सफल हुए न अब होंगे। विदित हो की हरीश रावत जी ने दो दिन पूर्व ब्राह्मण आयोग/ स्वर्ण आयोग बनाने की बात कही थी। जुगरान ने कहा की अपने मुख्यमंत्रित्व काल में वह हरिद्वार से सांसद रहते हुए व केंद्र में मंत्री रहते हुए उन्होंने हरिद्वार जनपद में मुस्लिम तुष्टिकरण को बढ़ावा दिया व इसी कड़ी में इस बार रामनगर विधानसभा से चुनाव लड़ने का प्रयास किया पर उनका टिकट बदल दिया गया। रामनगर विधानसभा में मुस्लिम समुदाय की बड़ी आबादी के दृष्टिगत ही चुनाव मैदान में उतरने का मन बनाया था। हरीश रावत जी की मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति से उनको ही नुकसान उठाना पड़ा क्योंकि हरिद्वार में दलगत राजनीति से ऊपर उठकर मुस्लिम तुष्टिकरण के चलते हिंदू मतदाता में धुरवीकरण हुआ नतीजन हरीश रावत जी हरिद्वार से भी विधानसभा का चुनाव हार गये। जुगरान ने कहा की उत्तराखंड में साक्षरता लगभग 92% है यहां की राष्ट्रवादी व पढ़ी लिखी जनता इनके मुस्लिम तुष्टिकरण की योजना को अच्छी तरह से समझती है और अब कांग्रेस बेनकाब हो चुकी है