दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने कोरोना महामारी से निपटने में केंद्र एवं राज्य के बीच सहयोग पर बल देते हुए कहा है कि भारतीय कोविड टीकाकरण अभियान वैश्विक सफलता की कहानी है।
मांडविया ने शुक्रवार को दक्षिण भारत के आठ राज्यों और केंद्र शासित राज्यों के साथ साथ एक समीक्षा बैठक में कहा कि कोविड के प्रकोप को रोकने के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से निपटने में सहयोग की भावना का महत्व पूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने कहा, ” भारत का कोविड टीकाकरण अभियान एक वैश्विक सफलता की कहानी है। आपसी समझ, केंद्र और राज्यों के बीच सर्वोत्तम प्रक्रियाओं और सहयोगी भावना को साझा करने से हमें महामारी के खिलाफ लड़ाई में मदद मिली है। ”
बैठक में राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों और प्रमुख सचिवों, अतिरिक्त मुख्य सचिवों और आठ के प्रशासकों के साथ चर्चा की गयी। इस दौरान कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, पुडुचेरी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप के अधिकारी शामिल थे।
इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार और पुडुचेरी के मुख्यमंत्री श्री एन रंगास्वामी भी उपस्थित रहे। उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में शामिल होने वाले राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों में कर्नाटक के डॉ के सुधाकर , केरल की डॉ वीना जॉर्ज , तमिलनाडु के श्री मा सुब्रमण्यम और तेलंगाना के थन्नीरु हरीश राव ने हिस्सा लिया।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को दोनों टीकों की खुराक की अनुमानित आवश्यकताओं से अधिक प्रदान की गयी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि टीकाकरण अभियान की गति में कोई कमी नहीं होने पायें। उन्होंने राज्यों से अनुरोध किया कि वे 15-17 वर्ष आयु वर्ग के टीकाकरण की गति में तेजी लाएं और जिनकी दूसरी खुराक बाकी है, उन्हें दी जायें।
दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वालों की सेवा के लिए देश में टेली-परामर्श और टेली-मेडिसिन की भूमिका पर जोर देते हुए, श्री मांडविया ने कहा कि मजबूत स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे और ईसीआरपी-द्वितीय के तहत राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को धन उपलब्ध कराया गया है और 31 मार्च, 2022 से पहले इसका उपयोग करने की आवश्यकता है।
राज्यों को कोविड प्रतिक्रिया और प्रबंधन के लिए उनके प्रयासों में केंद्र से सभी समर्थन का आश्वासन देते हुए, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने समय पर डेटा प्रदान करने का आग्रह किया क्योंकि इससे अधिक मजबूत और कुशल नीति निर्माण होगा।