लखनऊ: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के पहले चरण में गुरुवार को 11 जिलों की 58 विधानसभा सीटों पर शाम छह बजे तक औसतन 60.17 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इन सीटों पर पिछले चुनाव की तुलना में इस बार तीन प्रतिशत मतदान कम हुआ।
चुनाव आयोग द्वारा पहले चरण में सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक हुये मतदान के बारे में जारी आंकड़ों के मुताबिक सर्वाधिक मतदान शामली जिले की तीन विधान सभा सीटों पर 69.42 प्रतिशत रहा। वहीं, सबसे कम मतदान गाजियाबाद जिले में 54.77 प्रतिशत और गौतमबुद्धनगर जिले में 56.73 फीसदी मतदान हुआ।
सर्वाधिक मतदान के मामले में शामली जिले की कैराना सीट पर 75.12 प्रतिशत, शामली सीट पर 67.50 प्रतिशत और थाना भवन सीट पर 65.63 प्रतिशत मतदान हुआ।
गौरतलब है कि 2017 में पहले चरण वाले 11 जिलों की 58 विधान सभा सीटों पर औसत मतदान 63.47 प्रतिशत रहा था। इनमें से सिर्फ शामली जिले को छोड़ कर शेष 10 जिलों में मतदान का स्तर 2017 की तुलना में कम रहा है।
आयोग ने स्पष्ट किया है कि शाम छह बजे मतदान केन्द्रों को मतदाताओं के प्रवेश के लिये बंद किये जाने तक जो मतदाता मतदान केन्द्रों में अंदर थे, अब उन्हीं का मतदान कराया जा रहा है। इस प्रकार देर रात तक मतदान अंतिम आंकड़े मिलने का इंतजार है। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने बताया कि मतदान के दौरान आचार संहिता के उल्लंघन के 319 मामले दर्ज किये गये। इसके अलावा सी विजिल एप पर 358 शिकायतें भी दर्ज की गयीं। जिसमें से 171 शिकायतें जांच में सही पाये जाने के पर इनमें कार्रवाई की गयी।
आयोग के आंकड़ों के मुताबिक पहले चरण में गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर जिले की विधान सभा सीटों पर सबसे कम मतदान हुआ। गाजियाबाद जिले की पांच सीटों पर औसत मतदान 54.77 प्रतिशत हुआ। वहीं, गौतमबुद्धनगर जिले की तीन सीटों पर 56.73 फीसदी लोग ही वोट डालने घर से बाहर निकले। पिछले चुनाव में गाजियाबाद जिले में 55.80 प्रतिशत और नोएडा की तीनों सीटों पर 56.80 प्रतिशत मतदान हुआ था।
आयोग ने पहले चरण में शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, बुलंदशहर, हापुड़, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, मथुरा, मेरठ, अलीगढ़ और आगरा जिले में शांतिपूर्ण तरीके से मतदान संपन्न होने की जानकारी दी। वैश्विक महामारी कोरोना के मद्देनजर मतदाताओं को मास्क के साथ ही प्रवेश दिया गया। प्रदेश की 403 विधान सभा सीटों पर सात चरणों में होने वाले चुनाव के नतीजे 10 मार्च को मतों की गिनती पूरा होने पर घोषित किये जायेंगे।
आयोग के आंकड़ों के मुताबिक मुजफ्फरनगर जिले की छह सीटों पर 65.34 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। यह 2017 की तुलना में 2.2 प्रतिशत कम है। मेरठ जिले की सात सीटों पर 2017 की तुलना में लगभग छह प्रतिशत कम अर्थात 60.91 प्रतिशत मतदान हुआ। वहीं बागपत जिले की पांंच सीटों पर 61.35 प्रतिशत,मथुरा जिले की पांच सीटों पर 63.28प्रतिशत, बुलंदशहर जिले की सात सीटों पर 60.52 प्रतिशत, हापुड़ जिले की तीन सीटों पर 60.50प्रतिशत, आगरा जिले की नौ सीटों में 60.33प्रतिशत और अलीगढ़ जिले की सात सीटों पर 60.49 प्रतिशत लोगों ने मतदान किया।
पहले चरण में 58 सीटों पर 10,833 मतदान केन्द्रों के 25,880 मतदान स्थलों पर वोट डाले गये। इसके साथ ही 11 जिलों के 2.28 करोड़ मतदाताओं ने 73 महिला उम्मीदवारों सहित कुल 623 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला ईवीएम में कैद कर दिया। आयोग की ओर से बताया गया कि दिन भर चले मतदान के दौरान कुछ मतदान केन्द्रों पर ईवीएम में मामूली गड़बड़ी की शिकायतें सामने आयीं। चुनावकर्मियों ने ऐसे केन्द्रों पर ईवीएम की गड़बड़ी को यथाशीघ्र दुरुस्त करने का दावा किया है।
पहले चरण में योगी सरकार के नौ मंत्री भी चुनावी किस्मत आजमा रहे हैं। इन सभी मंत्रियों की सीट पर पिछले चुनाव की तुलना में मत प्रतिशत कम हुआ है। इनमें ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा की मथुरा सीट पर 53.77 प्रतिशत मतदान हुआ। जबकि 2017 में उनकी सीट पर 59.26 प्रतिशत मतदान हुआ था। वहीं गन्न मंत्री सुरेश राणा की थानाभवन सीट (शामली जिला) पर पिछले चुनाव की तुलना में 3.3 प्रतिशत कम वोटों के साथ 65.63 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाला। मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण की छाता सीट (मथुरा जिला) पर भी 2017 की तुलना में 2.2 प्रतिशत कम, 64.55 प्रतिशत, कपिल देव अग्रवाल की मुजफ्फरनगर सीट पर 2017 से तीन प्रतिशत कम, 61.30 प्रतिशत मतदान हुआ।
मंत्री दिनेश खटीक की मेरठ जिले में हस्तिनापुर सीट पर पिछले चुनाव से आठ प्रतिशत कम, यानि 60 प्रतिशत मतदान हुआ। मंत्री अतुल गर्ग की गाजियाबाद सीट परइस बार 2017 की तुलना में तीन प्रतिशत कम अर्थात 50.40 प्रतिशत, मंत्री अनिल शर्मा की शिकारपुर सीट (बुलंदशहर जिला) पर पिछली बार से पांच फीसदी कम यानि 60.88 प्रतिशत, मंत्री संदीप सिंह की अतरौली सीट (अलीगढ़ जिला) पर 2017 से 2.7 प्रतिशत कम अर्थात 57.20 प्रतिशत और आगरा कैंट से मंत्री डा. जी एस धर्मेश की आगरा कैंट सीट पर भी पिछले चुनाव से तीन प्रतिशत कम अर्थात 56 प्रतिशत मतदान रहा।
पहले चरण के मतदान वाली 58 सीटों में से 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 53 सीटें जीती थीं। जबकि सपा बसपा ने 2-2 और रालोद ने एक सीट पर जीत दर्ज की थी। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा की मजबूत किलेबंदी को तोड़ने के लिये इस बार सपा और रालोद ने चुनावी गठबंधन किया है। इस गठबंधन की सफलता को भी पहले चरण के चुनाव में ही परखा जायेगा।
राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) अध्यक्ष जयंत चौधरी बिजनौर में चुनाव प्रचार में व्यस्त होने के कारण वोट डालने मथुरा नहीं पहुंच सके। उनकी पत्नी चारू चौधरी ने मथुरा में वोट डाला। योगी सरकार में गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने थाना भवन में अपने मताधिकार का प्रयोग किया और सभी 58 सीटों पर जीत का दावा किया।
खुर्जा विधानसभा क्षेत्र के गांव सूरतपुर कला में मशीन में तकनीकी खराबी आने से करीब 3 घंटे बाद मतदान शुरू हो सका वहीं डिबाई थाना क्षेत्र के नगला भूड़ गांव में सड़क और पुल न बनने से नाराज ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार कर दिया। हालांकि अफसरों और बीजेपी प्रत्याशी सीपी सिंह के समझाने के बाद करीब अपराह्न बारह बजे ग्रामीण मान गए और मतदान शुरू हुआ।
आगरा दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में एक मतदान केंद्र पर 102 वर्ष की वृद्ध महिला ने भी अपने मताधिकार का प्रयोग किया। उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल व आगरा ग्रामीण सीट से प्रत्याशी बेबीरानी मौर्य ने छावनी क्षेत्र में अपने निवास के नजदीक केंद्र पर मतदान किया। आगरा ग्रामीण से कांग्रेस प्रत्याशी उपेंद्र सिंह ने पत्नी डॉ सुनीता उपेंद्र, पुत्र हर्ष उपेंद्र के साथ उमा पब्लिक स्कूल उच्चतर माध्यमिक बसईकला पर मतदान किया। बाह में विधायक व भाजपा प्रत्याशी रानी पक्षालिका सिंह ने नौगांव पोलिंग बूथ पर वोट डाला। बसपा प्रत्याशी नितिन वर्मा ने भी वोट डाला। आगरा दक्षिण सीट से प्रत्याशी व भाजपा विधायक योगेंद्र उपाध्याय पूरे परिवार के साथ चित्रगुप्त हायर सेकेंडरी स्कूल तहसील के पास पर मतदान किया।
केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने मुजफ्फरनगर के गांव कुटबी में अपने मताधिकार का प्रयोग किया वहीं मथुरा में श्रीकांत शर्मा और लक्ष्मी नारायण चौधरी ने पूजा अर्चना के बाद अपना वोट डाला। मेरठ जिले की कैंट विधानसभा क्षेत्र स्थित दायमपुर गांव में मतदान का बहिष्कार करने के लिये पोस्टर लगाये गये और पांच हजार से ज्यादा मतदाताओं ने वोट डालने से इंकार किया हालांकि जिला प्रशासन के आला अधिकारी मौके पर पहुंच कर मतदाताओं को मनाते रहे। किठौर विधानसभा सीट क्षेत्र में भाजपा और सपा रालोद गठबंधन के कार्यकर्ताओं के बीच झड़पें होने के सूचना हैं। जिला प्रशासन ने वहां स्थिति नियंत्रण में होने का दावा किया है।
मथुरा में कैबिनेट मंत्री लक्ष्मीनारायण चैधरी ने माता सांचैली देवी के दर्शन करने के बाद आज अपने गांव सांचैली में मतदान किया। इसी प्रकार कैबिनेट मंत्री श्रीकांत शर्मा ने दानघाटी मन्दिर गोवर्धन में गिर्राज जी का पंचामृत अभिषेककर अपने गांव गांठौली में मतदान किया। कांग्रेस विधान मंडल दल के पूर्व नेता प्रदीप माथुर ने आज सुबह सबसे पहले भूतेश्वर महादेव के दर्शन एवं पूजन किया और उसके बाद सरलादेवी स्कूल पोलिंग बूथ पर अपना मतदान किया ।
आगरा के एत्मादपुर विधानसभा क्षेत्र में पोलिंग बूथ का वीडियो बनाये जाने पर जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह ने एक पोलिंग एजेंट के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिये। सुबह एत्मादपुर में मतदान करने का वीडियो वायरल किया गया था। बूथ पर बने एजेंट ने गोपनीयता भंग की थी। वीडियो वायरल होते ही डीएम मौके पर पहुंच गए और उन्होंने अधीनस्थाें को मुकदमा दर्ज करने के आदेश दे दिये।
सुबह सात बजे शुरू हुये मतदान की रफ्तार सर्द हवाओं और घने कोहरे के चलते बेहद सुस्त रही हालांकि 10 बजे तक अधिसंख्य मतदेय स्थलों पर मतदाताओं की लंबी कतारें लग गयी। मतदान को लेकर महिलाओं और युवाओं में खास तौर पर उत्साह देखा गया। पहली बार वोट डालने जा रहे युवाओं के बीच मतदान के बाद सेल्फी का क्रेज सिर चढ़ कर बोला। मतदान के दौरान सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम किये गये है। बुजुर्गो और दिव्यांगाें की सुविधा के लिये पोलिंग बूथ पर खास इंतजाम किये गये थे। इस दौरान मतदान केन्द्रों पर सेनीटाइजर और मास्क का अक्षरश: पालन किया गया। राज्य में मतदान वाले जिलों में कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नही हैं