दिल्ली: सरकार ने कहा कि कोरोना महामारी से जुड़े हालात के ठीक होने के साथ ही सेना में भर्ती की प्रक्रिया आरंभ कर दी जाएगी और अधूरी भर्तियों को पूरा किया जाएगा।
कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने शुक्रवार को लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की ओर से जवाब देते हुए एक पूरक प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि कोविड के कारण सेना की भर्ती रोकी गई है और इन भर्तियों की प्रक्रिया पूरी होने में विलंब हो रहा है। स्थिति सामान्य होने के साथ ही लिखित परीक्षा और दूसरी प्रक्रियाएं आरंभ होंगी।
रिजिजू ने कहा कि सेना के अधिकारियों और रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों से चर्चा करने के बाद ही वह सदन को अधूरी भर्ती प्रक्रिया को जल्द पूरा करने का आश्वासन दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश भर में सेना में जोनल स्तर पर भर्ती केंद्र हैं और रिक्तियों के अनुसार इन केंद्रों के माध्यम से भर्तियां की जाती है।
स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने एक अन्य पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि सरकार ने कैंसर के पहले स्टेज में ही उसका पता लगाने के लिए देश भर में एक लाख से अधिक ‘हेल्थ और वेलनेस’ केंद्र खोलने का निर्णय लिया है ताकि केंसर का पता लगने पर समय पर उसका उचित इलाज किया जा सके।
एक अन्य पूरक प्रश्न के जवाब में रसायन एवं उर्वरक मंत्री मांडविया ने कहा कि देश में उर्वरक की कोई कमी नहीं है।
प्रश्नकाल के दौरान ही लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पश्चिम बंगाल, केरल और कश्मीर से जुड़े एक बयान का मुद्दा उठाने की कोशिश की, हालांकि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी।
इसके बाद विरोधस्वरूप कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और वामदलों समेत कुछ विपक्षी दलों ने कुछ समय के लिए सदन का बहिर्गमन किया ।
उल्लेखनीय है कि योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव प्रचार के दौरान एक वीडियो संदेश में राज्य के मतदाताओं को आगाह करते हुए कहा था कि अगर इस बार मतदाता चूक गए तो उत्तर प्रदेश को कश्मीर, बंगाल और केरल बनते देर नहीं लगेगी।