दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि यूक्रेन की सीमाओं पर उत्पन्न मानवीय स्थिति से निपटने हेतु यूक्रेन के लिए राहत सामग्री की पहली खेप मंगलवार को भेजी जाएगी।
मोदी ने सोमवार को युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए ऑपरेशन गंगा के तहत चल रहे प्रयासों की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता की। यूक्रेन के मुद्दे पर प्रधानमंत्री की यह दूसरी उच्च स्तरीय बैठक थी। इस दौरान उन्होंने यूक्रेन भेजी जाने वाली राहत सामग्री के बारे में जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि पूरी सरकारी मशीनरी 24 घंटे काम कर रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वहां रह रहे सभी भारतीय नागरिक सुरक्षित रहें। उन्होंने बताया कि विभिन्न देशों में उनके विशेष दूतों के तौर पर चार वरिष्ठ मंत्रियों की यात्रा से भारतीय नागरिकों की निकासी को तेजी आएगी। उन्होंने कहा कि यह इस मामले में सरकार की प्राथमिकता को दर्शाता है।
दुनिया के एक परिवार होने के भारत के आदर्श वाक्य से प्रेरित होकर, प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत पड़ोसी देशों और विकासशील देशों के जो यूक्रेन में फंसे हुए हैं, उनकी मदद करेंगा और वे लोग हमसे सहायता मांग सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले ऑपरेशन गंगा पर अपनी पहली उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए, श्री मोदी ने रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ती शत्रुता के बीच निकासी मिशन के समन्वय और फंसे छात्रों की मदद करने के लिए यूक्रेन के पड़ोसी देशों में सरकार के चार प्रमुख मंत्रियों को भेजने का फैसला लिया था। इन मंत्रियों में आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी, नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, कानून एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू और पूर्व सेना प्रमुख तथा सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री जनरल वी.के. सिंह शामिल हैं। इस बैठक में यूक्रेन से भारत के निकासी मिशन पर विस्तार से चर्चा हुई।
मोदी ने रविवार को कहा था कि यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और उनकी निकासी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने रविवार देर शाम एक उच्च स्तरीय बैठक की भी अध्यक्षता की, जो दो घंटे से अधिक समय तक चली थी।