नैनीताल: सरोवरनगरी नैनीताल में सूखाताल झील के सौन्दर्यीकरण के मामले में उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से 21 मार्च तक स्थिति स्पष्ट करने को कहा है।
जनहित याचिका पर हुई कार्यवाही
उच्च न्यायालय ने नैनीताल निवासी जीसी साह की ओर से इस संबंध में लिखे एक पत्र का स्वतः संज्ञान लेते हुए इस प्रकरण में एक जनहित याचिका दायर की है। मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति एनएस धनिक की युगलपीठ में बुधवार को इस जनहित याचिका पर सुनवाई हुई।
सौंदर्यीकरण के नाम पर हो रहा हैं सीमेंट का पक्का निर्माण
मुख्य न्यायाधीश को लिखे गये पत्र में कहा गया कि नैनी झील नैनीताल शहर के हजारों लोगों के लिये न केवल जीवन दायिनी है बल्कि पर्यटन व्यवसायियों की भी रीढ़ है। प्रतिवर्ष हजारों पर्यटकों इस झील का लुत्फ उठाने के लिये यहां आते हैं।
पत्र में लिखा कि सूखाताल झील नैनी झील की प्रमुख जल स्रोत है। सूखाताल झील से नैनी झील को साल भर पानी मिलता रहता है, लेकिन शासन-प्रशाासन की ओर से सूखाताल झील के सौंदर्यीकरण के नाम पर सीमेंट का पक्का निर्माण करवाया जा रहा है। इससे नैनी झील को खतरा हो सकता है। पत्र में मुख्य न्यायाधीश से इस कार्य पर रोक लगाने की मांग की गयी है।