उदयपुर: राजस्थान के उदयपुर में नारायण सेवा संस्थान के 37वें निःशुल्क दिव्यांग एवं निर्धन युवक-युवती सामूहिक विवाह समारोह में आज 21 जोड़ों ने पवित्र अग्नि को साक्षी बनाकर फेरे लिए।
संस्थान के लियों का गुड़ा स्थित सेवा महातीर्थ पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पूर्व राज परिवार के सदस्य लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ थे। संस्थान संस्थापक पद्मश्री कैलाश ‘मानव’, कमला देवी अग्रवाल, अध्यक्ष प्रशान्त अग्रवाल, वंदना अग्रवाल व विशिष्ट अतिथियों संजय भाई दया-दक्षिणी अफ्रीका, सोहनलाल-एकता चढ्ढा व भरत सोलंकी-यू.एस.ए. द्वारा गणपति पूजन के साथ विवाह की पारम्परिक विधियां आरम्भ हुई।
मुख्य अतिथि लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने कहा कि सेवा भाव से किया गया कार्य हमेशा खुशी देता है। यह भारतीय समाज की शुरू से विशेषता भी रही है। मेवाड़ तो हमेशा ही इस दिशा में आदर्श रहा है। उन्होंने कहा मेवाड़ इतिहास, संस्कृति और पर्यटन की वजह से तो दुनियाभर में पहचान रखता ही है, नारायण सेवा ने इस पहचान को और व्यापकता दी है। कैलाश ‘मानव’ ने कहा कि जिन दिव्यांग भाई-बहिनों ने अपनी निःशक्तता को दुर्भाग्य मानते हुए अपनी गृहस्थी बसने की कभी कल्पना भी न की होगी, आज समाज के सहयोग और भव्यता से उनकी यह साध पूरी हो रही है।
संस्थान अध्यक्ष प्रशान्त अग्रवाल ने कहा कि सपने देखना किसे अच्छा नहीं लगता और जब कोई अकल्पनीय सपना साकार हो उठता है तो उसकी खुशी को बयां करना भी आसान नहीं होता। ऐसे ही पलों को समेटे इस विशाल प्रांगण में 21 दिव्यांग जोड़ों ने ज़िन्दगी की नई शुरूआत की हैं। ये जोड़े राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों के हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 36 विवाहों में 2130 जोड़े अपना घर-संसार बसाकर खुश हैं।