चंडीगढ़: हरियाणा के उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि जमीनों की रजिस्ट्री के मामले में अनियमितता करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
सरकार को जहां भी गड़बड़ी होने का अंदेशा हुआ तो उसकी जांच करवाई गई
उन्होंने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि सरकार को जहां भी गड़बड़ी होने का अंदेशा हुआ तो उसकी जांच करवाई गई और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई। सदन के कुछ सदस्यों द्वारा ‘जमीनों की रजिस्ट्री में अनियमितता के आरोपों’ बारे लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का करारा जवाब दिया जिससे आलोचना करने वाले सदस्य निरुत्तर हो गए।
आज तक के इतिहास में नहीं की गई इतनी बड़ी कार्रवाई
चौटाला ने कहा कि जिस प्रकार से राज्य सरकार ने जमीनों की रजिस्ट्री करने में नियमों का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की है, उसको देखते हुए विपक्ष के सदस्यों को आलोचना की बजाय सराहना करनी चाहिए, क्योंकि आज तक के इतिहास में इतनी बड़ी कार्रवाई नहीं की गई।
राज्य के सभी मण्डल आयुक्तों से मांगी जांच रिपोर्ट
उन्होंने कहा कि हरियाणा विकास एवं शहरी क्षेत्र विनियमन अधिनियम, 1975 (नगर एवं ग्राम योजनाकार विभाग, हरियाणा की अधिसूचना दिनांक तीन अप्रैल 2017) की धारा 7-क के उल्लंघन के सम्बन्ध में वित्तायुक्त एवं राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के 13 अगस्त 2020 के अर्द्धसरकारी पत्र द्वारा राज्य के सभी मण्डल आयुक्तों से जांच रिपोर्ट मांगी गई।
नये वेब हैलरिस को अन्य विभागों के साथ जोड़ा गया
उप-मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने भूमि हस्तान्तरण के लिए दस्तावेजों के पंजीकरण के वास्ते मौजूदा व्यवस्था में कमियों बारे शिकायतों पर गंभीरता से विचार किया है। अचल सम्पत्ति के हस्तांतरण के दस्तावेजों के पंजीकरण के उद्देश्य से नये वेब हैलरिस को अन्य विभागों जैसे शहरी विकास विभाग, टीसीपी विभाग, एचएसवीपी, पंचायत एवं विकास विभाग तथा आवास बोर्ड को एक दूसरे के साथ जोड़ा गया है ताकि उक्त अधिनियम की धारा 7-क की उल्लंघना न हो।