मोदी सरकार ने ‘एक रैंक एक पेंशन’ का किया विरोध : कांग्रेस

 दिल्ली:  कांग्रेस ने कहा है कि मोदी सरकार ने ‘एक रैंक एक पेंशन-ओआरओपी’ के मामले में न्यायालय के समक्ष गलत तथ्य पेश कर देश के सैनिकों के साथ धोखा किया है और इस संबंध में उच्चतम न्यायालय का निर्णय सैनिकों पर कुठाराघात है।

मोदी सरकार ने ओआरओपी को नकार कर देश के 30 लाख सैनिकों तथा पूर्व सैनिकों के साथ विश्वासघात और धोखा किया

कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीपसिंह सुरजेवाला ने बुधवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मोदी सरकार ने ओआरओपी को नकार कर देश के 30 लाख सैनिकों तथा पूर्व सैनिकों के साथ विश्वासघात और धोखा किया है। सरकार ने न्यायालय के समक्ष इस संबंध में पूरे तथ्य नहीं रखे और साथ यह भी कि यह उसका नीतिगत फैसला है जिस पर न्यायालय कुछ नहीं कर सकता।

उन्होंने सरकार से पूछा किया क्या उसने देश के 30 लाख सैनिकों के साथ धोखा नहीं किया। सरकार ओआरओपी को लागू करने से उच्चतम न्यायालय के समक्ष इंकार कर रही है। सरकार में ओआरओपी को लेकर बजट में निर्णय लिया लेकिन अब सरकार कहती है कि उसका इस बारे में कोई निर्णय ही नहीं था।

प्रवक्ता ने कहा कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के दौरान खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार ओआरओपी को लागू करने की बात करते रहे हैं लेकिन अब चुनाव खत्म हुए तो वादों से मुकर गई है। इसका मतलब यह हुआ कि पांच राज्यों में वोट बटोरने के लिए सरकार के मंत्रियों ने वन रैंक वन पेंशन की बात की और अब उसने इसे फिर चुनावी जुमला बना कर रखा दिया है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार को ओआरओपी को 26 फरवरी 2014 के अनुरूप लागू करना चाहिए। कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार के समय रक्षा मंत्री एके एंटनी की अध्यक्षता में हुई रक्षा मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों की बैठक में इसको लेकर फैसला लिया था और ओआरओपी के तहत पेंशन देने की बात की थी लेकिन अब मुकर रही है।

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