देहरादून। प्रेम, सद्भावना, भाईचारा, मानवता, श्रद्धा व आस्था का प्रतीक ऐतिहासिक श्री झण्डा जी मेला इस साल भव्य स्वरूप में आयोजित हो रहा है। देश विदेश से भारी संख्या में संगतें व श्रद्धालु श्री गुरु की नगरी देहरादून में पहुंच चुके हैं। गुरु की नगरी देहरादून गुरु की प्यारी संगतों से निहाल है। मंगलवार सुबह 7ः00 बजे पुराने श्री झण्डे जी को उतारने का कार्यक्रम शुरू होगा, दोपहर 2 बजे से 4 बजे के बीच श्री दरबार साहिब के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज की अगुआई में श्री झण्डे जी का आरोहण किया जाएगा। 24 मार्च को ऐतिहासिक नगर परिक्रमा होगी। श्रीमहंत देवेन्द्र दास महाराज ने मेले में शामिल होने वाली संगतों व श्रद्धालुओं से कोविड गाइडलाइन का अनुपालन करने की अपील की है। काबिलेगौर है कि ऐतिहासिक श्री झण्डे जी मेले में शीश नवाने व श्री गुरु राम राय जी महाराज का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए देश विदेश से लाखों की संख्या में संगतें हर साल देहरादून पहुंचती हैं। संगतों को साल भर इस पावन बेला के साक्षी बनने का इंतजार रहता है। श्री दरबार साहिब, श्री झण्डा जी मेला आयोजन समिति की ओर से सोमवार देर शाम तक सभी तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया। श्री झण्डा जी आरोहण स्थल पर सभी आवश्यक तैयारियों को पूरा किया गया।
गुरु मंत्र पाकर धन्य-धन्य हुई संगत
श्री गुरु राम राय दरबार साहिब के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने श्री झण्डा जी मेला की पूर्व संध्या पर सोमवार को संगतों को गुरुमंत्र दिया। गुरु मंत्र पाकर संगतें धन्य-धन्य हो गई। संगतों ने गुरुमंत्र को आत्मसात करते हुए श्री झण्डा साहिब और श्री गुरु राम राय जी महाराज का आशीर्वाद प्राप्त किया। श्री दरबार साहिब के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने गुरु महिमा के महत्व को समझाया। श्री महाराज ने कहा कि जो व्यक्ति गुरु के बताए मार्ग पर चलता है, उसे पृथ्वी पर ही स्वर्ग की अनुभूति मिल जाती है।
सामाजिक कुरितियों से दूर रहने का दिया संदेश
श्रीमहंत देवेन्द्र दास महाराज ने संगतों को संदेश दिया कि वे सामाजिक कुरितियों जैसे कन्या भ्रूण हत्या, नशा, दहेज प्रथा के खिलाफ मजबूत आवाज बनें व एक समृद्ध समाज के निर्माण में अपनी भूमिका सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि प्रर्यावरण प्रदूषण वातावरण के लिए बड़ी चिंता का विषय बन चुका है। पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए पौधारोपण करें व जल का सही उपयोग करें।