दिल्ली। विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया है कि उसकी नीतियां उद्योगों को बढ़ावा देकर आगे बढ़ाने की नहीं बल्कि उलझी हुई है और यही कारण है कि सरकार उद्योगों को बढ़ावा देने की बजाए सिर्फ सार्वजनिक क्षेत्रों के उपक्रमों को बेचने पर तुली हुई है।
लोकसभा में कांग्रेस के एंटो एंटनी ने केंद्रीय बजट 2022-23 में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदान की मांगों पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि सरकार ने किसी भी स्तर पर मजबूती से आर्थिक हालात सुधारने के लिए कदम नहीं उठाए हैं। उनका कहना था कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपना कारोबार बढ़ाने और अपने माल को बेचने के लिए हमारे मसाला उद्योग के पास क्वालिटी सर्टिफिकेट नहीं है। यही हालत रबर उद्योग की भी है और उसे भी बेहतर स्थिति में लाने के लिए सरकारी स्तर पर कोई प्रयास नहीं हुए हैं। सरकार को कारोबार को बढ़ाने के लिए सुधार करने चाहिए और बुनियादी स्तर पर काम करने वाले कमोडिटी बोर्ड को विश्वास में लेना चाहिए।
तृणमूल कांग्रेस ने लगाया पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र पर ध्यान न देने का आरोप
तृणमूल कांग्रेस के सुदीप वंद्योपाध्याय ने कहा कि इलेक्ट्रोनिक सामान, यातायात के उपकरण, प्लास्टिक का सामान, लौह और इस्पात का सामान अमेरिका, बगंलादेश, जर्मनी, नेपाल, नीदरलैंड जैसे दस प्रमुख देशों में हमारा यह माल प्रमुख रूप से निर्यात होता है। वंद्योपाध्याय ने जानना चाहा कि इन वस्तुओं की निर्यात और आयात स्थिति क्या है यह सरकार को बताना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र पर विशेष ध्यान नहीं दे रही है और उनके मुद्दों की जानबूझकर अक्सर अनदेखी करती है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की नीतियां देश को आर्थिकरूप से मजबूत बनाने वाली नहीं है और यही वजह है कि देश विकास के पथ आगे नहीं बढ़ पा रहा है। उनका कहना था कि सरकार सिर्फ कुछ उद्योगपतियों के हित में काम करते हुए नजर आती है और उसे बाकी की चिंता नहीं है। वह सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को बेच रही है और देश में बेरोजगारी को कम करने की बजाए उसे बढ़ावा दे रही है।
आजादी के बाद देश में बढ़ी गरीबी की संख्या : शिवकुमार चनाबासप्पा उदासी
भाजपा के शिवकुमार चनाबासप्पा उदासी ने कहा कि आजादी के बाद देश में गरीबों की संख्या कम होने की बजाय बढ़ी है और यह उस समय की सरकारों की नीति के कारण हुआ लेकिन मोदी सरकार के आने के बाद जो भी चुनौतियां थीं उन्हें सुधारों के जरिए और पारदर्शी तरीके से ठीक करने का काम किया है। इसी का परिणाम है कि किसान, कारोबारी और दूसरे उपक्रमों से जुड़े लोग आत्मनिर्भर भारत की तरफ बढ़ रहे हैं। उनकी सरकार का मकसद ग्लोबल कारोबार में विश्वसनीय पार्टनर बनना है और स्टार्ट अप जैसी योजनाओं के माध्यम से वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनने के साथ ही कारोबार के लिए माहौल को आसान बनाना है।
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक खरीद को बढ़ावा देना, एकल खिड़की के जरिए कारोबार को आसान बनाने और विश्व स्तर पर देश को विभिन्न क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं और उनका सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिल रहा है। उनका कहना था कि उनकी सरकार ने 2016 में स्टार्ट अप के जरिए देश में स्टार्टअप के लिए जिस कल्चर की शुरुआत की वह तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने देश में हर क्षेत्र में सबके विकास के लिए काम किया है और उनके काम की शैली देश की जनता के लोगों की भावनाओं और उनकी आकांक्षाओं के अनुरूप है और यही वजह है कि देश में विकास को गति मिल रही है।