योगी के मंत्रिमंडल पर लगी वेस्ट यूपी की निगाहें – Polkhol

योगी के मंत्रिमंडल पर लगी वेस्ट यूपी की निगाहें

प्रदेश में लगातार दूसरी बार सत्तासीन होने जा रही भाजपा सरकार में पश्चिम यूपी के नए चेहरे चमक सकते हैं। पार्टी ने जातीय एवं क्षेत्रीय समीकरण साधने के लिए होमवर्क पूरा कर लिया है। मेरठ से दो चेहरे मंत्रिमंडल में जगह बना सकते हैं। उधर, गुर्जरों को पहले की तुलना में बेहतर भागीदारी की उम्मीद है। ब्रज क्षेत्र के चेहरों को पश्चिम से ज्यादा तवज्जो मिलेगी। अयोध्या की तर्ज पर मथुरा को साधने की राह खुलेगी।

गुर्जर-जाट में बराबर की भागीदारी

टीम योगी के पुराने चेहरों में जाट राजनीति के बड़े शिल्पकार भूपेंद्र सिंह को दोबारा कैबिनेट में जगह मिल सकती है, जबकि बिजनौर से गुर्जर चेहरा अशोक कटारिया का भी ओहदा बढ़ेगा। गाजियाबाद के अतुल गर्ग, मुजफ्फरनगर के कपिल देव अग्रवाल में फेरबदल के कयास हैं। नोएडा विधायक पंकज सिंह का मंत्री बनना तय माना जा रहा है। बुलंदशहर के अनिल शर्मा, संजय शर्मा एवं साहिबाबाद के सुनील शर्मा में एक की किस्मत चमक सकती है। जाट चेहरों में केपी मलिक एवं योगेश धामा में से एक चेहरा मंत्रिमंडल में पहुंच सकता है। गुर्जर चेहरा तेजपाल नागर, नंदकिशोर गुर्जर, डा. सोमेंद्र तोमर एवं मुकेश चौधरी में से एक के मंत्री बनने की उम्मीद है। अगर ऐसा हुआ तो टीम योगी में पूरी तरह नए चेहरे होंगे।

मेरठ से दो मंत्री संभव

देवबंद विधायक कुंवर बृजेश सिंह का नाम भी चर्चा में है। उन्हें बनाकर पार्टी पूर्व कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा के विकल्प के रूप में एक ठाकुर चेहरा प्रोजेक्ट कर सकती है। इधर, एमएलसी एवं प्रदेश महामंत्री मेरठ के अश्विनी त्यागी मंत्री बनने के नजदीक हैं। उन्हें मंत्री बनाकर पार्टी त्यागी एवं भूमिहार कोटे को संतुलित कर सकती है। क्षेत्रीय प्रभारी रहते हुए अश्विनी को ब्रज क्षेत्र में बड़ी सफलता मिली। उन्हें इसका फायदा मिल सकता है। मेरठ में हस्तिनापुर विधायक दिनेश खटीक का मंत्रिमंडल में दावा ज्यादा है, लेकिन अब तक सस्पेंस बना हुआ है, वहीं वैश्य कोटे से कैंट विधायक अमित अग्रवाल भी अहम दावेदार हैं।

यह भी जानिए

2017 में योगी सरकार बनी तब पश्चिम उप्र से सिर्फ अमरोहा के चेतन चौहान को कैबिनेट मंत्री बनाया गया। बाद में मुरादाबाद के भूपेंद्र चौधरी एवं थाना भवन के सुरेश राणा को भी राज्यमंत्री से कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिला। पश्चिम से बलदेव सिंह औलख, बुलंदशहर के अनिल शर्मा, गाजियाबाद के अतुल गर्ग, मुजफ्फरनगर के कपिल देव अग्रवाल व विजय कश्यप, सहारनपुर के डा. धर्म सिंह सैनी मंत्री बने, वहीं अंतिम विस्तार में मेरठ के दिनेश खटीक को भी शामिल किया गया। बाद में चेतन चौहान और विजय कश्यप की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई। कुल मिलाकर पश्चिम यूपी से दस मंत्री बनाए गए, जिसमें आठ मंत्री रह गए।

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