आरबीआई का महंगाई नियंत्रण और आर्थिक विकास पर फोकस, नीतिगत दरें रखीं यथावत – Polkhol

आरबीआई का महंगाई नियंत्रण और आर्थिक विकास पर फोकस, नीतिगत दरें रखीं यथावत

मुंबई।  रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आसमान छूती महंगाई को नियंत्रित करने और आर्थिक विकास दर को तेज बनाये रखने के उद्देश्य से शुक्रवार को रिवर्स रेपो दर में 0.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी को छोड़कर अन्य सभी प्रमुख नीतिगत दरों को यथावत रखा।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने अपनी अध्यक्षता में केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समीति (एमपीसी) की चालू वित्त वर्ष की आज समाप्त पहली द्विमासिक समीक्षा बैठक के बाद कहा, “यूरोप में युद्ध की शुरुआत के साथ हम नई और विशाल चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। यूरोप में संघर्ष से वैश्विक अर्थव्यवस्था पटरी से उतर सकती है। ऐसे परिदृश्य में महंगाई को नियंत्रित करने और विकास दर में तेजी बनाए रखने के लिए एमपीसी ने सर्वसम्मति से रेपो दर को चार प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने के लिए मतदान किया। तरलता सुनिश्चित करने के लिए हालांकि रिवर्स रेपो दर में 0.4 प्रतिशत की वृद्धि करने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा अन्य दरों को पूर्व के स्तर पर यथावत रखा गया है।”

आरबीआई ने प्रमुख मौद्रिक नीतिगत दर रेपो रेट को चार प्रतिशत, मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (एमएसएफ) 4.25 प्रतिशत और बैंक दर को 4.25 प्रतिशत पर यथावत रखा है।

गर्वनर ने कहा कि आरबीआई के लिए कोरोना महामारी के दौरान लंबे समय से आपूर्ति का बाधित होना चिंताजनक रहा है। इसने जिंस और वित्तीय बाजारों को झकझोर कर रख दिया है। रिवर्स रेपो दर को 40 आधार अंक बढ़ाकर 3.75 फीसदी कर दिया गया है। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में खुदरा महंगाई अनुमान फरवरी की मौद्रिक नीति समीक्षा के 4.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.7 प्रतिशत और विकास दर अनुमान 7.8 प्रतिशत से घटाकर 7.2 प्रतिशत कर दिया है।

दास ने कहा कि एमपीसी ने कच्चे तेल की कीमत को 100 डॉलर प्रति बैरल मानते हुए वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 16.2 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 6.2 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 4.1 प्रतिशत और चौथी एवं अंतिम तिमाही में चार प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। खाद्य तेल की कीमतें निकट अवधि में ऊंची रहने की संभावना है। फरवरी के अंत से कच्चे तेल में तेजी महंगाई के बढ़ने का एक प्रमुख कारक रही है।

आरबीआई ने वित्त वर्ष 2022-23 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा महंगाई दर के 5.7 प्रतिशत पर रहने का अनुमान जताया है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में खुदरा महंगाई 6.3 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 5.0 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 5.4 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 5.1 प्रतिशत रह सकती है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *