देहरादून। उत्तराखंड में वैसाख माह की पूर्णिमा पर अमरत्व प्राप्त हनुमानजी के प्राकट्योत्सव को पूर्ण निष्ठा एवं भक्तिमय ढंग से मनाया गया। सुबह से ही हनुमान मन्दिरों में भजन, कीर्तन, सुन्दर काण्ड के पाठ के साथ पूजा-अर्चना शुरू हो गई। अनेक स्थानों पर शोभायात्रा निकाली गईं और जगह-जगह भण्डारे आयोजित किये गये। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने आवास में भगवान हनुमान जी की पूजा अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की। उन्होंने अपने परिवार के साथ सुंदरकांड का पाठ भी किया।
आज सुबह लगभग चार बजे से ही मन्दिरों में श्री हनुमानजी की पूजा-अर्चना शुरू हो गई। बाबा नीम करौली जी के विश्व विख्यात नैनीताल के भवाली स्थित कैंची धाम और ऋषिकेश स्थित उनके भव्य मंदिर में देश ही नहीं अपितु विदेशों के भक्तों की पंक्तियां लगना शुरू हो गईं। लगभग सभी मन्दिरों में श्री रामचरित मानस के सुन्दर काण्ड का संगीतमय पाठ किया जाता रहा। इसी तरह, विशेष रूप से तैयार भोग का वितरण और भंडारे दिन भर चलते रहे। देहरादून सहित अनेक स्थानों पर भव्य शोभायात्रा निकाली गईं।

इसके अलावा, भक्तों ने अपने घरों में भी श्री हनुमान जी की विशेष पूजा कीं। राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी नेअपने सरकारी आवास में परिवार के साथ पूजा कर, सुन्दर काण्ड का पाठ किया। उन्होंने कहा कि हनुमान जी वास्तव में भक्ति के पर्याय है। भगवान श्री राम के अधिकांश कार्य हनुमान जी के पुरुषार्थ से सिद्ध हुए हैं। हनुमान जी बुद्धिमान, कर्तव्य परायणता तथा निस्वार्थ सेवा के प्रतिमूर्ति वह महान कर्मयोगी थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हनुमान जी दुनिया के ऐसे विलक्षण एवं ऐतिहासिक पात्र हैं जिन्होंने कठिन से कठिन जोखिम भरे कार्यों को अपने कर्म बल से संपन्न कराने का कार्य किया। तथा देवत्व को प्राप्त करते हुए स्वयं भगवान की स्थिति को प्राप्त हुए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में हनुमान जी के मूल्य एवं कार्यों की प्रासंगिकता और बढ़ गई है।