उप मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और जिम्मदारों के साथ बैठक कर जरूरी निर्देश दिए – Polkhol

उप मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और जिम्मदारों के साथ बैठक कर जरूरी निर्देश दिए

अस्पतालों में डाक्टर समय से आकर ओपीडी में मरीजों का इलाज करें। साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए। पीने के पानी की बेहतर व्यवस्था रखी जाए। अस्पतालों से मरीज असंतुष्ट होकर न जाएं। यह निर्देश गुरुवार को उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने दिए। वह लखनऊ से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों, अस्पतालों के जिम्मेदारों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि ओपीडी में मरीजों को देर तक इंतजार न करना पड़े, इसके लिए ओपीडी काउंटर की संख्या बढ़ाएं। जिस स्पेशियलिटी में मरीजों की संख्या अधिक हो रही है, वहां दो-दो ओपीडी संचालित की जाएं। सामान्य बुखार, खांसी-जुकाम के मरीजों के इलाज के लिए एमबीबीएस डाक्टरों को भी ओपीडी में बैठाएं। ओपीडी, इनडोर और पैथालाजी में मरीजों के बैठने की व्यवस्था की जाए। एक्सरे और अल्ट्रासाउंड जांच के लिए डाक्टर समय से अस्पताल पहुंचे ताकि मरीजों को इंतजार न करना पड़े। इस दौरान लखनऊ से अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद, मिशन निदेशक अपर्णा उपाध्याय, महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य डा. वीबी सिंह मौजूद रहे। कलेक्ट्रेट स्थित एनआइसी सेंटर पर अपर निदेशक डा. जीके मिश्रा, सीएमओ डा. नैपाल सिंह, उर्सला निदेशक डा. सुनील प्रकाश, डा. अनिल निगम, कांशीराम के सीएमएस डा. सुदेश गुप्ता मौजूद रहे।

सीएचसी-पीएचसी से बेवजह मरीज न करें रेफर

समीक्षा बैठक में निर्देश दिया गया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) से मरीजों को बेवजह न रेफर किया जाए। उन्हें वहां भर्ती कर इलाज किया जाए। अगर सिर्फ जननी सुरक्षा योजना के तहत गर्भवती की भर्ती दिखी तो कार्रवाई भी की जाएगी। इन सेंटरों पर सामान्य मरीजों को भी भर्ती कर इलाज किया जाए। अगर रेफर करने की स्थिति बने तो सरकारी एंबुलेंस से ही भेजा जाए। अगर कोई मरीज निजी एंबुलेंस या अपने साधन से जिला अस्पताल या मेडिकल कालेज जाता है तो केंद्र प्रभारी के विरुद्ध कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

कोविड अस्पताल की करें तैयारी

कोरोना के केस फिर बढ़ने लगे हैं। इसलिए पहले की भांति कोरोना के लक्षण वाले मरीजों की जांच कराएं। कांट्रेक्ट ट्रेसिंग और कोरोना की जांच की संख्या भी बढ़ाई जाए। हर जिले में कोरोना का एक अस्पताल बनाया जाए। अस्पतालों में लगे आक्सीजन जनरेशन प्लांट, वेंटिलेटर एवं आक्सीजन पाइप लाइन अभी से दुरुस्त करा ली जाए।

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