अयोध्या। विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने काशी विश्वनाथ के ज्ञानव्यापी ढांचे में शिवलिंग के मिलने को सुखद संदेश बताते हुये कहा कि पूर्वजों, सनातनी इतिहासकार, वैदिक विद्वानों ने सीना ठोंक कर जो कहा वही सत्य आज सामने दिख रहा है।
विहिप के प्रान्तीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने सोमवार को विहिप मुख्यालय कारसेवकपुरम् में यूनीवार्ता से बातचीत में कहा “ काशी विश्वनाथ के ज्ञानव्यापी ढांचे में शिवलिंग का मिलना सुखद संदेश है। हमारे पूर्वज और वर्तमान में हमारे सनातनी इतिहासकार, वैदिक विद्वानों ने सीना ठोंक कर जो कहा वही सत्य आज सामने दिख रहा है। जैसा सत्य अयोध्या के श्रीरामजन्मभूमि के विवादित ढांचे के नींचे नींव में छिपा रहा, उसी तरह काशी विश्वनाथ के ज्ञानव्यापी ढांचे में शिवलिंग भी छिपा रहा।”
उन्होंने कहा “ सत्य को दबाया, छिपाया और नकारा नहीं जा सकता। सत्य तो सत्य सफेद रंग की भांति है जिस पर काला रंग धोखे से चढ़ाने के बावजूद भी उतरने पर सफेद ही निकलेगा। आज कुछ ऐसा ही काशी विश्वनाथ मंदिर में हो रहा है। तलवार और हत्या के बल पर हिन्दुओं के धार्मिक स्थलों और सम्पत्तियों पर अनाधिकृत कब्जा करने वाले लुटेरे आक्रमणकारियों को यह नहीं मालूम था कि एक न एक दिन इस देश का नागरिक जगेगा और अपनी छीनी गयी सम्पत्ति को पुन: वापस लेने के लिये हर तरह का प्रयास करेगा। ”
शरद शर्मा ने कहा कि सात-आठ सौ वर्ष पूर्व भारत में आकार ग्रहण करना और हिन्दुओं के धार्मिक स्थलों पर कब्जा कर लेने से कोई सदा-सर्वदा के लिये मालिक नहीं बन जाता है। जो सम्पत्ति जैसे गयी वैसे ही उसे लेनी कहीं से अनुचित नहीं है। उन्होंने कहा कि देश में हिन्दुओं के तीन प्रमुख धार्मिक स्थलों के अलावा हजारों स्थल ऐसे हैं जिन पर बलात रूप से कब्जा किया गया।
विहिप के मीडिया प्रभारी ने कहा कि अयोध्या में भव्य मंदिर श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मार्गदर्शन में बन रहा है यानि न्यायालय ने मुक्त कर हिन्दुओं को उनका चुराया गया अधिकार दे दिया। ठीक उसी प्रकार काशी, मथुरा का अपहरण कर अनाधिकृत अधिकार जताने वालों से भी अब हमारे धार्मिक स्थलों की मुक्ति न्याय संगत होगी।
उन्होंने कहा कि मुस्लिम पक्ष को स्वत: हिन्दुओं के साथ किये गये छल-कपट और लूट पर खेद प्रकट करते हुए अपने असत्य अधिकारों से पीछे हट जाना चाहिये।