जेनेवा। विश्व स्वास्थ्य सभा के 75वें सत्र में यूक्रेन में स्वास्थ्य आपातकाल लागू करने को लेकर एक प्रस्ताव को भारी मतों के साथ मंजूरी दी गई, जबकि इसी संबंध में रूस, बेलारूस और सीरिया के प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया। मीडिया रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई।
यूक्रेन द्वारा प्रस्तावित दस्तावेज के सह-लेखक सहित कई यूरोपीय संघ के देशों के साथ-साथ जॉर्जिया और मोल्दोवा भी थे।
रिपोर्ट के मुताबिक विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लयूएचओ) में शामिल 88 सदस्य देशों ने गुरुवार को यूक्रेन के प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जबकि 12 इसके विपक्ष में रहे और 53 देश ऐसे भी थे जिन्होंने मतदान प्रक्रिया में भाग ही नहीं लिया। इसी के साथ रूस के प्रस्ताव के पक्ष में 15 और विपक्ष में 66 वोट मिले।
यूक्रेन ने अपने प्रस्ताव में कहा है, देश में जारी रूसी सैन्य विशेष अभियान के मद्देनजर लोगों को स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी सुविधाएं भी मुश्किल से मिल पा रही हैं। इसमें रूस से तत्काल रूप से अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों पर हमला न करने की भी अपील की गई।
डब्ल्यूएचओ के सदस्य देशों की कल हुई बैठक में रूसी कृत्य की निंदा का प्रस्ताव पेश किया गया। प्रस्ताव में उसकी रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि रूसी सेना ने यूक्रेन में स्वास्थ्य सुविधाओं से जुड़े 235 स्थानों पर हमले किए। उनमें से ज्यादातर बर्बाद हो गए हैं। इस प्रस्ताव के जवाब में रूस ने भी एक प्रस्ताव पेश किया जिसमें यूक्रेन की स्थिति के लिए खुद की कोई भूमिका नहीं होने की बात कही गई है।
बैठक में पोलैंड के स्वास्थ्य मंत्री एडम नीडजिल्स्की ने कहा यूक्रेन में जिस तरह से सैन्य हमले में जनस्वास्थ्य सुविधाओं को ध्वस्त किया गया है उस पर संगठन चुप होकर नहीं बैठ सकता। उसे इस पर कड़ा कदम उठाकर दुनिया को संदेश देना होगा।
उल्लेखनीय है कि विश्व स्वास्थ्य सभा के 75वें सत्र का आयोजन स्विटजरलैंड के जेनेवा में 22 से 28 मई तक आयोजित किया जा रहा है। दुनिया में कोरोना महामारी के प्रकोप के दस्तक देने के बाद से यह पहली बार आयोजित किया जाने वाला कार्यक्रम है।