औरैया। उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो अधिनियम) मनराज सिंह ने अछल्दा क्षेत्र से एक नाबालिग लड़की को बहला-फुसलाकर ले जाने तथा उसके साथ दुष्कर्म करने के सात साल पुराने मामले में पीड़िता के बयान बदलने के बावजूद मेडिकल व फोरेंसिक साक्ष्यों के आधार पर आरोपी को दोषी करार देते हुए दस वर्ष के कठोर कारावास व एक लाख रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनायी है।
अभियोजन पक्ष की ओर से मामले की पैरवी कर रहे जिला शासकीय अधिवक्ता अभिषेक मिश्रा व विशेष लोक अभियोजक (पॉक्सो) जितेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को बताया कि थाना अछल्दा में वादी ने दिनांक 24 मार्च 2015 को रिपोर्ट लिखाई कि 23 मार्च 2015 की दोपहर को पंकज दिवाकर पुत्र इतवारी लाल, निवासी फरेजी थाना किशनी जनपद मैनपुरी उसके घर आया और 16 वर्षीय किशोरी को बहला-फुसला कर ले गया।
पुलिस ने विवेचना कर पंकज के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल की। यह मुकदमा विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो अधि.) राजेश चौधरी के समक्ष चला। पीड़िता का इस बीच आरोपी से समझौता हो गया। जिसके कारण उसने आरोपी को बचाने के लिए उसके पक्ष में गवाही दे दी, जबकि वह 164 के कलमबद्ध बयान में अभियोजन के कथन के समर्थन में गवाही दी थी। हालांकि पीड़िता के पिता ने सही गवाही दी।
पीड़िता ने आरोपी को निर्दोष बताया। इसके बावजूद अदालत ने मेडिकल फोरेंसिक जांच में दुष्कर्म की पुष्टि होने पर दिवाकर को बलात्कार का दोषी करार देते हुए नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने के लिये दिवाकर को दस वर्ष के कठोर कारावास व एक लाख रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई। अर्थदण्ड न देने पर दोषी को एक साल अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी।