देहरादून: अग्निपथ योजना के अंतर्गत सेना में जाने वाले अग्निवीरों को सेवानिवृत्ति के बाद उत्तराखंड की सरकारी सेवाओं में प्राथमिकता दी जाएगी। उन्हें पुलिस, अग्निशमन, आपदा प्रबंधन व चारधाम यात्रा प्रबंधन सेवाओं में प्राथमिकता के आधार पर नियुक्ति दी जाएगी। प्रदेश सरकार इसके लिए जल्द नियमावली जारी करेगी।
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अग्निपथ योजना के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश लगातार आगे बढ़ रहा है। इस समय दुनिया भर में आर्थिक संकट की स्थिति है। इन हालात के बीच केवल भारत ही एक ऐसा देश है, जो अपने नागरिक विशेषकर युवाओं को आशा की किरण दिखाने में सफल हो रहा है।
- कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अगले 18 माह में 10 लाख युवाओं को नौकरी देने का निर्णय लिया है। इस महाभियान की शुरुआत अग्निपथ योजना से कर दी गई है। इस योजना में सेना में अग्निवीरों को नियुक्त किया जाएगा। इससे न केवल देश के युवाओं को बड़े स्तर पर रोजगार मिलेगा, बल्कि सेना भी और अधिक युवा व सशक्त होगी।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की पहचान वीर भूमि के रूप में है। एक सैनिक पुत्र होने के नाते वह स्वयं भी अपने को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं कि मुख्य सेवक के रूप में उन्हें इस योजना को उत्तराखंड में लागू करने का अवसर प्राप्त होगा।
- इस योजना के अंतर्गत 17 वर्ष से 21 वर्ष के युवाओं को सेना में भर्ती किया जाएगा और इसकी शुरुआत अगले 90 दिन, यानी तीन माह के भीतर हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इस योजना से देश को राष्ट्रभक्ति से ओत-प्रोत अनुशासित युवा मिलेंगे। ऐसे ही युवा नए भारत की नींव रखेंगे।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि सेना में भर्ती होने का सपना रखने वाले उत्तराखंड के युवाओं के लिए यह योजना अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगी। सरकार ने तय किया है कि अग्निपथ योजना के तहत सेना में सेवा देने वाले युवाओं को सेवानिवृत्ति के बाद सरकारी सेवाओं में प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश के युवाओं के सर्वांगीण विकास व उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री राधा रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार और महानिदेशक सूचना रणबीर सिंह चौहान भी उपस्थित थे।