देहरादून: आय से अधिक संपत्ति मामले में आइएएस अधिकारी राम बिलास यादव की मुश्किलें बढ़ गई हैं। हाईकोर्ट के आदेश पर वह बुधवार को विजिलेंस के समक्ष पेश हो गए हैं। विजिलेंस अधिकारी उनसे अलग कमरे में पूछताछ कर रहे हैं। राम बिलास यादव को बुधवार को साढ़े 12 से पहले विजिलेंस के समक्ष पेश होने के आदेश जारी किए थे
राम बिलास यादव अपने अधिवक्ता के साथ बुधवार को दोपहर 12:48 पर विजिलेंस कार्यालय पहुंचे। वह गेट पर उतरे और पैदल अंदर गए। वहीं विजिलेंस ने उन्हें घेरने के लिए 70 सवाल की सूची तैयार की हुई है। बता दें कि यादव लगातार विजिलेंस के समक्ष पेश होने से बच रहे थे।
विजिलेंस आफिस में भीड़भाड़ न हो इसको देखते हुए मुख्य गेट को बंद कर दिया गया है और मीडिया को बाहर कर दिया गया है।
500 प्रतिशत अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में मुकदमा दर्ज
11 जून को विजिलेंस की चार टीम ने यादव के उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के चार ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान विजिलेंस की ओर से संपत्ति संबंधी पूरा ब्योरा जुटाया गया। आइएएस यादव के खिलाफ उत्तर प्रदेश में आय से 500 प्रतिशत अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में मुकदमा दर्ज है।
देहरादून में सहस्रधारा रोड पर यादव की आठ संपत्ति
उत्तराखंड में विजिलेंस की ओर से मुकदमा दर्ज किया गया है। अब तक की जांच में विजिलेंस को जानकारी मिली है कि यादव की देहरादून में सहस्रधारा रोड पर आठ संपत्ति हैं।
इसके अलावा उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में एक ट्रस्ट पर कब्जे का आरोप है। यही नहीं, यादव की पत्नी कुसुम बिलास यादव के नाम पर कुर्सी रोड गुडंबा, लखनऊ में एक स्कूल है और गाजियाबाद में फ्लैट भी उनके नाम पर है।
अब तक विजिलेंस को यादव की 20 संपत्ति के बारे में पता लगा है। ऐसे में विजिलेंस संपत्तियां अर्जित करने के स्रोत के बारे में पूछताछ करेगी। गिरफ्तारी को लेकर विजिलेंस अभी अपने पत्ते नहीं खोल रही है।