राष्ट्रपति ने बांके बिहारी मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद निराश्रित माताओं से की मुलाकात – Polkhol

राष्ट्रपति ने बांके बिहारी मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद निराश्रित माताओं से की मुलाकात

मथुरा, राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द सोमवार को एक दिन के दौरे पर भगवान कृष्ण की नगरी मथुरा पहुंचे हैं। मथुरा के वृंदावन में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया। इसके बाद राष्ट्रपति ने बांके बिहारी मंदिर में दर्शन किया। यहां पर पूजा-अर्चना में उनके साथ पत्नी तथा पुत्री भी थीं। बिहारी मंदिर में शीश नवाने के बाद महामहिम कृष्णा कुटीर के लिए रवाना हो गए।

मथुरा दौरे पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द का हेलीकाप्टर अपने तय समय पर वृंदावन पहुंचा। कृष्णाकुटीर महिला आश्रय सदन के समीप बने हेलीपैड पर राष्ट्रपति की सुरक्षा में साथ आए वायुसेना के पहले हेलीकाप्टर ने लैंडिंग की। दूसरे हेलीकाप्टर में राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द मौजूद थे और तीसरे हेलीकाप्टर में भी सुरक्षा दस्ता राष्ट्रपति के हेलीकाप्टर के साथ हेलीपैड पर उतरा। राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द के वृंदावन पहुंचने पर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुष्पगच्छ प्रदान कर उनका स्वागत किया

इसके बाद राष्ट्रपति, राज्यपाल व मुख्यमंत्री का काफिला ठा. बांकेबिहारी मंदिर के लिए निकल गया। करीब सात किलोमीटर लंबे रूट को राष्ट्रपति के स्वागत को सजाया गया है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस फोर्स की तैनाती के बीच गुजरे राष्ट्रपति के काफिले के बीच कोई न आए, इसके लिए सारे रास्ते पहले से ही बंद किए गए हैं।

राष्ट्रपति का काफिला कृष्णाकुटीर से निकलकर गांव कीकी नगला, सुनरख, हरेकृष्णा आर्चिड, सुुनरख मार्ग, परिक्रमा मार्ग, बाराहघाट, कालीदह घाट होते हुुुए ठा. बांकेबिहारी मंदिर की पार्किंग पहुंचेगा। जहां राष्ट्रपति कोविन्द आराध्य बांकेबिहारी के दर्शन के लिए आधा घंटे मंदिर में मौजूद रहेंगे।

राष्ट्रपति के स्वागत के लिए मंदिर को सजाया गया है। दिव्य फूलबंगले में विराजित ठा. बांकेबिहारी के दर्शन कर राष्ट्रपति गदगद नजर आए। सबसे पहले राष्ट्रपति कोविन्द ने आराध्य बांकेबिहारी के हाथ जोड़कर दर्शन किए और अपलक निहारते रहे। स्वजन संग आराध्य बांकेबिहारी के दर्शन कर उन्हीं में खो गए राष्ट्रपति कुछ देर तक एकाग्रचित आराध्य बांकेबिहारी की मनमोहक छवि को निहारते रहे। मंदिर सेवाधिकारी बालकृष्ण गौतम व सेवायतों ने वैदिक मंत्रोच्चारण शुरू किया और इसी के साथ वैदिक आचार्य अवधेश बादल द्वारा उच्चरित मंत्रोच्चारण के मध्य राष्ट्रपति ने आराध्य बांकेबिहारी की प्रतीकात्मक देहरी का पूजन किया। चूंकि जगमोहन में ठा. बांकेबिहारीजी फूलबंगला में विराजित हैं, तो जगमोहन की देहरी पर ही प्रतीकात्मक रूप से राष्ट्रपति ने स्वजन संग वैदिक रीतिरिवाज के साथ इत्र, चंदन से पूजन कर रोली से सतिया बनाया तथा दीप प्रज्जवलित कर आराध्य का पूजन किया।

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