पुड्डुचेरी। अन्नाद्रमुक (पश्चिम) के सचिव ओम शक्ति शेखर ने शुक्रवार को कहा कि एकल नेतृत्व के आने पर पार्टी (पूर्व) के सचिव ए अनबझागन पार्टी में नहीं होंगे।
शेखर ने पत्रकारों से कहा कि चार व्यक्ति पार्टी और अदालत का नेतृत्व पाने की कोशिश कर रहे हैं और चुनाव आयोग को पार्टी नेतृत्व का फैसला करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह पार्टी का झंडा और चिह्न रखने वालों के साथ रहेंगे।
उन्होंने कहा कि अगर आमंत्रित किया गया तो वह 11 जुलाई को पार्टी की आम सभा में शामिल होंगे। उन्होंने साथ ही यह आशंका भी व्यक्त की कि आम सभा की बैठक हो पाएगी या नहीं। उन्होंने इस बात पर भी आश्चर्य जताया कि पार्टी के नेता ओ पनीरसेल्वम की पत्नी की अस्थियों के साथ पूजा करने वाले श्री अनबझागन ने पार्टी मुख्यालय के बैनरों से अपनी तस्वीरें क्यों फाड़ दीं।

शेखर ने कहा कि उन्होंने पार्टी की इस असाधारण स्थिति पर चुप रहना पसंद किया और कहा कि उन्हें मीडिया से मिलने के लिए मजबूर किया गया क्योंकि श्री अनबझागन ने अपने अन्नाद्रमुक (पश्चिम) क्षेत्र से आम सभा के सदस्यों को ‘खरीदने’ की कोशिश की। उन्होंने आरोप लगाया कि श्री अनबझागन ने कुछ लाभ प्राप्त करने के बाद पार्टी में संकट के समय वफादारी बदल ली।
उन्होंने कहा कि जब अन्नाद्रमुक में जयललिता समूह और जानकी समूह का उदय हुआ तो श्री अनबझागन जानकी समूह में शामिल हो गए तथा बाद में 2016 में सुश्री जयललिता की मृत्यु के बाद उन्होंने शशिकला का नेतृत्व स्वीकार कर लिया। शशिकला पार्टी महासचिव बनीं तो उन्होंने खुले तौर पर घोषणा की कि वह उनके नेतृत्व को स्वीकार नहीं करेंगे और इसके बाद उन्हें पार्टी से हटा दिया गया था। श्री अनबझागन ने बाद में टी टी वी दिनाकरण का भी समर्थन किया और जब पार्टी एकजुट हुई तो वह फिर पार्टी में शामिल हो गए।
शेखर ने कहा कि पार्टी के नेता ओ पन्नीरसेल्वम और ई के पलानीसामी को मिल कर पार्टी नेतृत्व पर निर्णय लेना चाहिए जो पार्टी के लिए अच्छा होगा। मजबूरी के साथ भी एक नेतृत्व नहीं होना चाहिए।