दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को महाराष्ट्र विधानसभा के नवनियुक्त अध्यक्ष से कहा कि वह मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे एवं अन्य शिवसेना के ‘बागी’ विधायकों के खिलाफ दायर अयोग्यता संबंधी याचिकाओं पर कार्यवाही आगे नहीं बढ़ाएं।
मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने पूर्व मुख्यमंत्री एवं उद्धव ठाकरे की शिवसेना की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की गुहार पर महाराष्ट्र के राज्यपाल की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा, “कृपया विधानसभा अध्यक्ष को कोई निर्णय नहीं लेने के लिए सूचित करें। हम मामले की सुनवाई करेंगे।”
सिब्बल की ‘विशेष उल्लेख’ के दौरान मामले की तत्काल सुनवाई की गुहार पर पीठ ने कहा कि मामले को सूचीबद्ध करने में कुछ समय लगेगा, क्योंकि संबंधित मामले की सुनवाई करने वाली पीठ को अंतिम रूप देने की जरूरत है।
वरिष्ठ वकील श्री सिब्बल ने कहा कि अयोग्यता संबंधी याचिका अध्यक्ष के समक्ष मंगलवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है और इस पर तब तक फैसला नहीं किया जाना चाहिए जब तक शीर्ष अदालत मामले की सुनवाई नहीं कर लेती।
शीर्ष अदालत ने इससे पहले विधानसभा के उपाध्यक्ष द्वारा शिवसेना के असंतुष्ट विधायकों को जारी किए गए अयोग्यता नोटिस का जवाब देने के लिए 12 जुलाई तक का समय दिया था।
विधायकों की संख्या बल का ‘शक्ति परीक्षण’ के लिए सदन बुलाने और श्री शिंदे को राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के लिए आमंत्रित करने के राज्यपाल के फैसले के खिलाफ अलग-अलग याचिकाएं भी दायर की गईं।