बुलंदशहर। उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर जिले के खुर्जा निवासी निशानेबाज मेराज अहमद खान ने आईएसएसएफ विश्व कप स्क्रीट स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीत कर खुर्जा वालों की खुशी को बढ़ा दिया है।
मेराज ने पुरुष वर्ग की स्क्रीट स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता है, इससे पोटरी नगर में तो जश्न का माहौल है। दुनिया में
पोटरी नगर के नाम से विख्यात खुर्जा की जमीन पर पैदा हुए और पले बढ़े मेराज अहमद खान, चागवान में आयोजित विश्व कप निशानेबाजी प्रतियोगिता में सबसे अधिक उम्र के प्रतियोगी हैं।
मेराज अहमद खान की आयु 46 वर्ष है और वे स्क्रीट शूटर हैं। उन्होंने चागवान में आयोजित फाइनल में 40 में से 37 सटीक निशाने लगाकर कोरिया के मिंनसू किम को दूसरे स्थान पर धकेल कर गोल्ड मेडल अपनी झोली में डाल दिया। मेराज खान भारत के लिए दो बार ओलंपिक स्पर्धा में भाग ले चुके हैं जहां उनको, निराशा ही हाथ लगी लेकिन 2016 में रियो डी जेनेरियो में आयोजित विश्व कप में उन्होंने रजत पदक जीतकर भारत का मान बढ़ाया था।
मेराज मूल रूप से खुर्जा के मोहल्ला खगेशवान के निवासी हैं। उनकी शिक्षा-दीक्षा खुर्जा में ही हुई। उनके पिता का इंतकाल हो चुका है, जबकि उनके दो भाई और उनकी मां खुर्जा में ही रहकर खेतीवाड़ी का काम करते हैं। उनके विश्वकप में गोल्ड मेडल जीतने पर पूरे खुर्जा, खासकर उनके मोहल्ला खगेशवान में जश्न का माहौल है। उनके परिजनों पड़ोसियों और खेल प्रेमियों ने घर पहुंच कर खुशियां मनाई और मिठाइयां बांटी। मेराज खान का कहना है कि वह तमाम प्रतियोगिता में भाग लेते रहे हैं, लेकिन हार मिलने पर भी निराश नहीं हुए और मेहनत करते रहे। इसी का परिणाम है कि उन्होंने चागवान में आयोजित प्रतियोगिता में भारत के लिए पहली बार, स्ट्रीक शूटिंग में गोल्ड मेडल जीत कर अपने देश जिला और नगर का नाम रोशन किया है।
गोल्ड मेडल जीतने वाले सूटर का कहना है कि सफलता के लिए कोई शॉर्टकट नहीं होता। मेहनत ही एकमात्र विकल्प है। उनका अगला लक्ष्य ओलंपिक खेल में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीतने का है।