लखनऊ, उत्तर भारत के सबसे बड़े शापिंग माल लखनऊ के लुलु माल में बीत बुधवार यानी 13 जुलाई को दस लोगों के नमाज पढ़ने का वीडियो वायरल होने के मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ के सख्त निर्देश के बाद पुलिस हरकत में आ गई। लखनऊ पुलिस ने नमाज पढ़ रहे दस में से चार लोगों को हिरासत में लिया है। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर इन पर शिकंजा कसा है। अभी छह अन्य की तलाश जारी है।
सीएम योगी आदित्यनाथ के बीते दिनों कानून-व्यवस्था बिगाड़ने के प्रयास की कई घटनाओं पर पुलिस को सख्त कार्रवाई का निर्देश देते ही लखनऊ पुलिस ने लुलु माल में 13 जुलाई को नमाज पढ़ रहे दस में से चार लोगों को पकड़ा है। लखनऊ के थाना सुशांत गोल्फ सिटी में इन चारों से सख्ती से पूछताछ हो रही है। बताया जा रहा है कि चार में तीन लखनऊ और एक सीतापुर के निवासी हैं। पुलिस का प्रयास सभी दस लोगों को हिरासत में लेकर इनकी मंशा जानने का भी है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को प्रदेश के सभी 75 जिलों के डीएम तथा एसपी/एसएसपी के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग पर कानून-व्यवस्था को लेकर बेहद गंभीर चर्चा की थी। इस दौरान उन्होंने लखनऊ के लुलु माल की घटना के साथ कन्नौज के प्रकरण पर भी काफी जोर दिया। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकरण को नियंत्रण में करने के लिए ऊपर से किसी भी निर्देश तथा आदेश का इंतजार ना करें। तत्काल अपने स्तर से कार्रवाई करें। हमारी प्राथमिकता प्रदेश के हर नागरिक को सुरक्षित रखने की है।
उनके अंदर से हर प्रकार के भय को बाहर निकालने की है। उन्होंने कहा कि कहीं पर भी कोई ऐसी कोई घटना न हो, जिससे दूसरे धर्म के लोगों की भावनाएं आहत हो। किसी भी धार्मिक यात्राओं/जुलूसों में अस्त्र-शस्त्र का प्रदर्शन नहीं होना चाहिए। इसी दौरान लखनऊ में लुलु माल में नमाज विवाद पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में माहौल बिगाड़ने की कोशिश हो रही है, किसी के भी कानून को हाथ में लेने का प्रयास करने पर उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लखनऊ में खुले एक नए माल को राजनीति का अड्डा बना दिया गया है। उसके नाम पर सड़क पर प्रदर्शन हो रहे हैं। बेवजह बयानबाजी की जा रही है। इस मामले को लखनऊ प्रशासन को गंभीरता से लेना चाहिए। इसी तरह उन्होंने पिछले दिनों कन्नौज में हुई हिंसक घटना का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इसमें अधिकारियों की लापरवाही भी सामने आई, जो कि स्वीकार नहीं की जाएगी।