संयुक्त राष्ट्र विरोधी प्रदर्शनों के बीच कांगो में बीएसएफ के दो जवान शहीद

दिल्ली। कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य के बुटेम्बो में मंगलवार को हुए हिंसक सशस्त्र विरोध प्रदर्शन के दौरान संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षा दल के सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दो जवान शहीद हो गए।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि इन हमलों के दोषियों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और उन्हें न्याय के कटघरे में खड़ा किया जाना चाहिए।

उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में बीएसएफ के दो बहादुर भारतीय शांति सैनिकों के शहीद होने पर उन्हें गहरा दुख हुआ। वे संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन का हिस्सा थे, जिसे मोनुस्को के नाम से जाना जाता है।

सूचनाओं के अनुसार स्थानीय लोगों ने पूरे कांगो में मोनुस्को के ख़िलाफ़ प्रदर्शन और आंदोलन का आह्वान किया था। यह आह्वान सोमवार से पूरे सप्ताह के लिए था। बेनी और बुटेम्बो दोनों हाई अलर्ट पर थे। इस साल दो जून से बीएसएफ को यहां तैनात किया गया था।

सोमवार को धरना शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ। हालांकि बुटेम्बो में मंगलवार को स्थिति हिंसक हो गई। शुरुआत में प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सैनिकों ने हवा में गोलियां चलाईं और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए बीएसएफ के जवानों ने आंसू गैस के गोले छोड़े और भीड़ को खदेड़ दिया।

लेकिन वे फिर से जमा हो गए। मोरक्को और भारतीय सैनिकों ने आत्मरक्षा में गोलीबारी की। हादसे में बीएसएफ के दो जवान शहीद हो गए।

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