लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री और विधान परिषद सदस्य भूपेन्द्र सिंह को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष पार्टी बनाकर पिछले कुछ दिनों से चल रही चर्चाओं पर गुरुवार को विराम लगा दिया है।
वह निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह का स्थान लेंगे। उन्होंने विधान सभा चुनाव के बाद प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। चौधरी भूपेंद्र सिंह उत्तर प्रदेश सरकार में पंचायती राज मंत्री हैं। वह 10 जून 2016 को उत्तर प्रदेश विधान परिषद सदस्य चुने गये थे। उन्हें 2022 में पुनः एमएलसी नामित किया गया।
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सिंह को प्रदेश अध्यक्ष बनाये जाने पर बधाई दी। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “वरिष्ठ व जनप्रिय राजनेता भूपेंद्र सिंह चौधरी को उप्र भाजपा का अध्यक्ष बनने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। निःसंदेह, आपके ऊर्जावान नेतृत्व में भाजपा ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ भाव के साथ प्रदेश में सफलता के नए प्रतिमान स्थापित करेगी।”
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक ने भी सिंह की नियुक्ति पर उन्हें शुभकामनायें दी हैं। मौर्य ने ्वीट कर कहा, “उत्तर प्रदेश सरकार में वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी को भाजपा, उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष नियुक्त किए जाने पर हार्दिक बधाई व उज्ज्वल कार्यकाल की हार्दिक शुभकामनाएं।” पाठक ने अपने बधाई संदेश में कहा, “कर्मशील राजनेता, कुशल संगठनकर्ता भूपेन्द्र सिंह को उप्र भाजपा का अध्यक्ष बनाये जाने पर हार्दिक बधाई एवं उज्ज्वल कार्यकाल की शुभकामनाएँ।”
राजनीतिक जानकारों के मुताबिक भाजपा ने 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए पश्चिमी उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले वरिष्ठ भाजपा नेता धर्मपाल को इसी सप्ताह पार्टी की प्रदेश इकाई का संगठन महामंत्री बनाने के बाद हरित प्रदेश से आने वाले किसी नेता के रूप में सिंह की यह दूसरी नियुक्ति की है। स्पष्ट है कि भाजपा ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में क्षेत्रीय और जातीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए जाट समुदाय के चौधरी भूपेन्द्र सिंह को पार्टी की प्रदेश इकाई की कमान सौंपी है।
पार्टी को भरोसा है कि धर्मपाल और भूपेन्द्र की नियुक्ति से पिछले साल किसान आंदोलन के कारण जाट गूजर बहुल पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पार्टी को हुए सियासी नुकसान की भरपाई की जा सकेगी। गत मार्च में हुए विधान सभा चुनाव में भाजपा को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 2017 के चुनाव की तुलना में नुकसान उठाना पड़ा था। किसान आंदोलन का सीधा लाभ सपा रालोद गठबंधन को हुआ था।
गौरतलब है कि गत विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद गठित योगी सरकार में स्वतंत्र देव सिंह ने मंत्री बनाये जाने पर प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद से ही कयास लगाये जा रहे थे कि प्रदेश अध्यक्ष के रूप में पिछड़े वर्ग के किसी नेता को तैनात किया जा सकता है।
इस बीच पिछले दिनों भूपेन्द्र सिंह की भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद ही प्रदेश भाजपा की कमान उन्हें सौंपे जाने की चर्चा तेज हो गयी। वह योगी सरकार में पंचायती राज मंत्री हैं। पिछली सरकार में भी उन्हें इसी विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी।
पार्टी के प्रदेश कार्यालय की मीडिया इकाई ने भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा द्वारा सिंह को यह दायित्व सौंपे जाने की जानकारी दी। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह द्वारा दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय से जारी नियुक्ति पत्र के अनुसार नड्डा ने 54 वर्षीय भूपेन्द्र सिंह को पार्टी की प्रदेश इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया है। उनकी नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू हो गयी है।
एक किसान परिवार में जन्मे सिंह मूल रूप से मुरादाबाद जिले के महेन्द्री सिकंदरपुर गांव के निवासी हैं। उनकी शुरुआती शिक्षा गांव के ही प्राथमिक स्कूल में हुई। मुरादाबाद के आरएन इंटर कालेज से उन्होंने 1982 में इंटर की परीक्षा उत्तीर्ण की। इसके बाद 1989 में आप कृषक उपकार इंटर कॉलेज के प्रबंधक बने और फिर वह विश्व हिंदू परिषद से जुड़ने के बाद 1991 में भाजपा के सदस्य बनने के साथ ही उनका राजनीतिक सफर शुरु हुआ। उन्होंने 1999 में संभल से लोकसभा चुनाव लड़ा।