देहरादून। अशोक कुमार, पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड ने बताया कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार द्वारा सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली जनहानि में कमी लाये जाने के उद्देश्य से Good Samaritans Scheme प्रारम्भ की गयी है, जिसमें सड़क दुर्घटनाओं में घायल व्यक्तियों की सहायता करने वाले अच्छे व्यक्ति/व्यक्तियों ( Good Samaritans ) को पुरस्कृत किया जाता है। इसी क्रम में प्रदेश में भी विभागीय Good Samaritans पुरस्कार योजना प्रारम्भ की गयी है, जिसके अन्तर्गत यदि कोई व्यक्ति निम्नलिखित कार्यों में से कोई कार्य करता है, तो उत्तराखण्ड पुलिस उसे नगद ईनाम और प्रशंसा पत्र प्रदान करेगी।
1. सड़क दुर्घटना में किसी व्यक्ति को प्राथमिक चिकित्सा प्रदान करना।
2. सड़क दुर्घटना के शिकार व्यक्ति/व्यक्तियों का राहत एवं बचाव कार्य कर समय से अस्पताल पहुँचाना।
3. सड़क दुर्घटना में घायल/ चोटिल व्यक्ति को एम्बुलेंस की उपलब्धता न होने की स्थिति में निजी वाहन से अस्पताल पहुँचाना ।
4. सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को आवश्यकता पड़ने पर रक्तदान करना या रक्तदान का प्रचार-प्रसार कर सम्बन्धित ब्लड ग्रुप वाले रक्तदाता (क्वदवत) की व्यवस्था करना।
5. दुर्घटना में घायल व्यक्ति की आर्थिक रूप से सहायता करना आदि।
6. सड़क दुर्घटना की रोकथाम के प्रयास में प्रभावी सहायता/योगदान उपलब्ध कराना।
7. Good Samaritans के सम्बन्ध में विज्ञापन, सोशल मीडिया, प्रिन्ट मीडिया आदि में व्यापक प्रचार- प्रसार करना। (बिन्दु संख्या 6 एवं 7 में वर्णित पुरस्कार अधिकतम 10 प्रतिशत ही होंगे)
Good Samaritans पुरस्कार योजना को राज्य में तीन स्तरों पर प्रदान किया जायेगा-
1. पुलिस मुख्यालय स्तर पर पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड द्वारा- प्रथम पुरस्कार 25,000 रूपये, द्वितीय पुरस्कार 10,000 रूपये और तृतीय पुरस्कार 5,000 रूपये तक की धनराशि।
2. यातायात निदेशालय स्तर पर यातायात निदेशक द्वारा, प्रथम पुरस्कार 5,000 रूपये, द्वितीय पुरस्कार 3,000 रूपये और तृतीय पुरस्कार 2,000 रूपये तक की धनराशि।
3. जनपद स्तर पर वरिष्ठ/पुलिस अधीक्षक द्वारा प्रथम पुरस्कार 3,000, द्वितीय पुरस्कार 2,000 रूपये और तृतीय पुरस्कार-1,000 रूपये तक की धनराशि।
Good Samaritans (मददगार व्यक्ति) द्वारा सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति/व्यक्तियों के सहायता के सम्बन्ध मे किये गये कार्य के लिए पुरस्कार प्राप्ति हेतु आवेदन निर्धारित प्रारूप में सीधे पुलिस मुख्यालय, जनपद के यातायात कार्यालय/ क्षेत्राधिकारी यातायात कार्यालय/ पुलिस अधीक्षक यातायात कार्यालय/ वरिष्ठ/पुलिस अधीक्षक कार्यालय/ यातायात निदेशालय को व्हाट्सएप, ई-मेल, सोशल मीडिया, डाक अथवा स्वयं आकर दे सकते हैं। पीड़ित की सहायता से सम्बन्धित तथ्य पेपर कटिंग, सोशल मीडिया स्क्रीन शॉट, फोटो वीडियो आदि (यदि उपलब्ध हो तो) भी प्रस्तुत कर सकते हैं।
अशोक कुमार ने बताया कि इस योजना का मकसद सड़क दुर्घटना में सड़क पर पड़े गंभीर घायलों की अनदेखी करने के बजाए आम नागरिक उनको नजदीकी अस्पताल तक पहुंचाने के लिए प्रेरित करना है। यह योजना सड़क हादसों में घायल होने वाले लोगों की जान बचाने के लिए मील का पत्थर साबित होगी। लोगों को प्रोत्साहन मिलेगा और ज्यादा से ज्यादा लोग इस काम में सम्मिलित होंगे।