ड्रोन तकनीक से होगा कृषि क्षेत्र का कायाकल्प : शाही – Polkhol

ड्रोन तकनीक से होगा कृषि क्षेत्र का कायाकल्प : शाही

लखनऊ।  ड्रोन तकनीक को कृषि का कायाकल्प करने वाला बताते हुये उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने गुरूवार को कहा कि सरकार प्रदेश के किसानों की आर्थिक समृद्धि के लिए कृषि क्षेत्र में इजाद की जाने वाली हर नई तकनीक को अन्नदाता के खेत तक ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है।

कृषि ड्रोन डेमोंसट्रेशन कार्यक्रम में ड्रोन निर्माता कंपनी के विशेषज्ञों ने किसानों को कृषि ड्रोन के लाभ और उपयोग करने के तरीकों के विषय में विस्तार से बताया। इस मौके पर श्री शाही ने कहा कि खेती किसानी में ड्रोन तकनीक के इस्तेमाल से न केवल किसानों के समय, धन तथा श्रम की बचत होगी बल्कि वे उच्च गुणवत्ता वाला उत्पादन प्राप्त कर सकेंगे।

उन्होंने कहा कि सरकार ड्रोन टेक्नोलॉजी के माध्यम से कृषि क्षेत्र में हानिकारक रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग को घटाकर उनके स्थान पर तरल नैनो दवाओं व उर्वरकों के प्रयोग को बढ़ावा देगी। उन्होंने कहा कि एक एकड़ भूमि के लिए नैनो यूरिया के आधे लीटर का घोल पर्याप्त है। वर्तमान में इसके लिए कई किलो ठोस यूरिया का प्रयोग किया जाता है। नैनो तरल दवाओं तथा उर्वरकों के उपयोग से मानव स्वास्थ्य तथा मिट्टी दोनों को बचाया जा सकता है।

कृषि मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से केंद्र सरकार उत्तर प्रदेश को कुल 32 ड्रोन उपलब्ध करा रही हैं। इनमें से चार कृषि विश्वविद्यालयों को, 10 कृषि विज्ञान केंद्रों को तथा शेष 18 आईसीएआर के संस्थानों को उपलब्ध कराए जाएंगे। 32 ड्रोनों के द्वारा प्रदेश भर में कुल 8 हजार हेक्टेयर भूमि पर डेमोंसट्रेशन किया जाना है। इन ड्रोनों को खरीदने के लिए केंद्र सरकार द्वारा 5 करोड़ 60 लाख रुपयों की धनराशि अवमुक्त कर दी गई है।

शाही ने बताया कि ये कृषि ड्रोन प्रदेश के कृषि स्नातकों को 50 प्रतिशत अनुदान पर तथा कृषि उत्पादन संगठनों को ऑपरेटिव सोसाइटीज को 40 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध कराए जाएंगे। इस प्रकार किसी कृषि स्नातक को लगभग 10 लाख रुपए मूल्य के इस ड्रोन के लिए केवल 5 लाख रुपए चुकाने होंगे। आगामी दिनों में प्रदेश के अलग-अलग स्थानों में किसानों को जागरूक करने के लिए ड्रोन डेमोंसट्रेशन के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

इस दौरान ड्रोन निर्माता कंपनी के विशेषज्ञों द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित लगभग 300 किसानों को इस तकनीक के विषय में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि ड्रोन छिड़काव से किसानों को केवल सात मिनट में एक एकड़ खेत में स्प्रे करने में मदद मिल सकती है। कंपनी का दावा है कि वह भारत के 13 राज्यों में ड्रोन छिड़काव के बारे में 10 हजार से अधिक किसानों को प्रशिक्षित करेगी। कार्यक्रम के दौरान सैकड़ों किसान व कृषि विभाग के अनेक अधिकारी उपस्थित रहे।

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