लक्सर। लक्सर के बाक्करपुर गाँव में चल रहे अनमोल भारत पब्लिक स्कूल के प्रबंधन ने स्कूल में शिक्षा ग्रहण कर रहे (62 छात्र छात्राओं) को आरटीई का पैसा ना मिलने के कारण घर भेज दिया। और कहा की जब तक सरकार से उन्हें उनका पैसा नहीं दिया जाएगा तब तक घर भेजे गए किसी भी छात्र छात्रा को स्कूल में नही लिया जाएगा। ऐसे में स्कूल को पैसे ना मिलने के कारण छात्र छात्राओं को अपने घर बैठना पड़ गया है और उनकी शिक्षा अधर में लटक गई है इन सभी छात्रों का भविष्य अंधेरे गुम होने की कगार पर है।
हमने जब छात्र छात्राओं से बात की तो उन्होंने बताया की हमारी स्कूल फीस का पैसा सरकार द्वारा स्कूल को नहीं दिया गया है हमें बताया गया है की पिछले (18 महीनों) से आप लोगों की फीस सरकार ने स्कूल को नहीं दी है जिसके कारण आप को स्कूल से बाहर निकाला जा रहा है जब तक सरकार द्वारा स्कूल का पैसा नहीं दिया जाता तब तक आप लोगों को स्कूल में नहीं लिया जाएगा। वही छात्र छात्राओं ने सरकार से गुजारिश की है की वह हमारी स्कूल फीस जितना जल्दी हो सके स्कूल प्रबंधन को दें जिससे हमारी शिक्षा पर कोई असर न पड़े।
वही हमने इस मामले में स्कूल प्रबंधन से भी बात की उन्होंने कहा की हमारी हालत इतनी खस्ता हो चुकी है की अब अध्यापकों का वेतन देने के लिए स्कूल का फर्नीचर बेचना पड़ेगा हमारे ऊपर अध्यापकों के (4 महीने) का वेतन रुका हुआ है दीपावली का त्यौहार है अध्यापक दबाव बना रहे हैं सरकार ने हमें पिछले (18 महीनों) से आर टी ई का पैसा नहीं दिया है ऐसे में छात्र-छात्राओं को स्कूल से घर भेजना हमारी मजबूरी है। स्कूल प्रबंधन ने कहा की अगर सरकार हमें (18 महीनों) में से कुछ महीनों का पैसा भी दे देती है तो हम अध्यापकों का वेतन दे सकेंगे जिससे (62 छात्र छात्राओं) की शिक्षा पर भी कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
वह इस पूरे मामले को लेकर हमने लक्सर के खंड शिक्षा अधिकारी अंबिकाराम से बात की तो उन्होंने कहा की कुछ स्कूलों द्वारा आर टी ई के तहत शिक्षा ले रहे छात्र छात्राओं की गलत रिपोर्ट पेश की गई है। जिसके चलते मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं बिना जांच के किसी भी स्कूल को पैसा नहीं दिया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा इस समय स्कूलों में खेलकूद चल रहा है जिसमें हमारे सभी कर्मचारी व्यस्त हैं हमारे द्वारा टीम बना दी गई है और स्कूलों की रिपोर्ट की जांच करने के बाद ही प्राइवेट स्कूलों को आर टी ई का पैसा दिया जाएगा।
अब ऐसे में सवाल उठता है की स्कूल से घर भेजे गए (62 छात्र-छात्राओं) के भविष्य का क्या होगा स्कूल प्रबंधन उन्हें शिक्षा देने के लिए तैयार नहीं है। सीधे तौर पर स्कूल में शिक्षा ग्रहण कर रहे इन (62 छात्र-छात्राओं) की शिक्षा अधर में लटक गई है। अब देखना होगा की शिक्षा विभाग छात्रों के भविष्य को संवारने के लिए कोई ठोस कदम उठाएगा या इनका भविष्य अधर में ही लटक जाएगा।