दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योगमंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को 2030 तक 500 गीगावाट (पांच लाख मेगावाट) अक्षय ऊर्जा उत्पादन क्षमता हासिल करने की भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया और कहा कि भारत में अक्षय ऊर्जा उपकरणों के वैश्विक आपूर्तिकर्ता के रूप में विकसित होने की क्षमता है।
गोयल यहां भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित अक्षय ऊर्जा सम्मेलन में ‘भारत को अक्षय ऊर्जा निर्माण में एक वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने ‘ के विषय पर एक सत्र को संबोधित कर रहे थे। उनके पास उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण और कपड़ा की भी जिम्मेदारी है।
गोयल ने कहा कि अक्षय ऊर्जा में आत्मानिर्भर भारत की आर्थिक सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा का अभिन्न अंग है। सभी के लिए शक्ति प्राप्त करने के बाद, भारत को अब सभी के लिए स्थायी शक्ति के लक्ष्य को प्राप्त करने की आकांक्षा रखनी चाहिए। भारत कानून के शासन की अपनी व्यवस्था को को बनाए रखने के साथ, पारदर्शिता और स्थिर और अनुमानित नीति वातावरण पर मजबूत ध्यान देने के कारण आज निवेशकों द्वारा एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में देखा जाता है।
उन्होंने जोर दिया कि पुनर्चक्रमण पर आधारित ऊर्जा का आर्थिक और पारिस्थितिक मूल्य अभूतपूर्व है । उन्होंने कहा कि कचरे पर आधारित ऊर्जा हमें शहरी कचरे के निस्तारण के लिए विशाल लैंडफिल के पर्यावरणीय खतरों से बचाव के अलावा ऊर्जा का एक स्रोत भी उपलब्ध करती है।