नैनीताल। अंकिता हत्याकांड मामले में सरकार के रवैये से बेहद दुखी अंकिता भंडारी के माता-पिता ने अब उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का मन बनाया है। उन्हें अब न्याय के भगवान कहे जाने वाली न्यायालय से ही आस है। उन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटा कर सीबीआई जांच की मांग करने का निर्णय लिया है।
नैनीताल पहुंचे अंकिता की मां सोनू देवी व पिता वीरेन्द्र भंडारी ने हाईकोर्ट के गेट पर फूट फूट कर कहा कि सरकार से उन्हें न्याय की आस नहीं है। सरकार लगातार सुबूत मिटाने का प्रयास कर रही है। पहले सुबूतों को मिटाने के लिये रिसॉर्ट के उस कमरे को तोड़ दिया गया जो अपराध का प्रमुख केन्द्र था। वहीं अब रिसॉर्ट से सटी फैक्ट्री को भी आग के हवाले कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि यह साजिश नहीं है तो क्या है। उन्होंने आगे कहा कि फैक्ट्री भी इसी साजिश का हिस्सा मानी जा रही थी। स्थानीय लोगों का कहना था कि उसमें खून के अवशेष पाये गये थे लेकिन पिछले रविवार को उसे भी आग के हवाले शेष तथ्यों को नष्ट कर दिया गया है। उन्होंने सवाल किया कि जब फैक्ट्री का विद्युत कनेक्शन कटा था तो आग कैसे लगी।
उन्होंने साफ-साफ कहा कि किसी प्रभावशाली नेता को बचाने के प्रयास में सरकार सुबूतों को मिटाने में जुटी है। उन्होंने पौड़ी जनपद के जिलाधिकारी विजय कुमार जोगदंडे व एसएसपी के स्थानांतरण को भी इसी साजिश का हिस्सा करार दिया। उन्होंने कहा कि सरकार नहीं चाहती की कोई अधिकारी सही तथ्य सामने आने दे।
हाईकोर्ट के गेट पर फूट फूट कर रो रही अंकिता की मां सोनू देवी ने सरकार से गहरे सवाल किये और कहा कि उन्हें सरकार से किसी प्रकार की कोई आर्थिक मदद नहीं चाहिए। उन्हें कहा कि आर्थिक मदद से क्या उनकी बेटी वापस आ जायेगी? उन्हें किसी के मदद के बजाय अपनी मासूम बेटी के लिये न्याय चाहिए। उन्होंने मांग की कि हत्यारों को जल्द से जल्छ फांसी की सजा दी जाये।
अंकिता के पिता ने भी कहा कि सरकार दबाव में काम कर रही है। उन्होंने पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर भी सवाल उठाये और कहा कि अभी तक इसका खुलासा नहीं किया गया है। न ही पोस्टमार्टम के दौरान कोई महिला चिकित्सक मौजूद रही।
उन्होंने आरोप लगाया कि विगत 30 अक्टूबर को इस हत्याकांड के प्रमुख आरोपी पुलकित आर्य की पत्नी वनंतरा रिसॉर्ट में पहंुची थी और उसी के बाद रिसॉर्ट से सटी फैक्ट्री को आग के हवाले कर दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि पूरे प्रकरण में स्थानीय विधायक की भूमिका संदिग्ध है। उन्होंने कहा कि अब उन्हें उच्च न्यायालय से ही आस है।
उन्होंने हाईकोर्ट से सीबीआई जांच की मांग करने का निर्णय लिया है। आज उन्होंने अपने अधिवक्ता से भी इस मामले में बात की। आने वाले कुछ दिनों में उनकी याचिका या प्रार्थना पत्र पर सुनवाई हो सकेगी।
दूसरी ओर वरिष्ठ न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा की अदालत में अंकिता के परिजन आशुतोष नेगी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई हुई। गढ़वाल मंडल की पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) पी0 रेणुका देवी अदालत में पेश हुई। उन्होंने अदालत को बताया कि एसटीएफ ने आरोपियों के खिलाफ काफी साक्ष्य जुटा लिये हैं।
अदालत ने डीआईजी को 11 नवम्बर तक जांच की प्रगति रिपोर्ट तथ्यों के साथ अदालत में पेश करने के निर्देश दिये हैं। नेगी ने भी अपनी याचिका में सरकार की भूमिका पर सवाल उठाते हुए इस पूरे प्रकरण की जांच सीबीआई कराने की मांग की है।
यहां बता दें कि पिछले महीने ऋषिकेश से सटे वनंतरा रिसॉर्ट में रिसेप्सनिस्ट के पद पर तैनात अंकिता की हत्या कर दी गयी थी। हत्या का आरोप रिसॉर्ट के मालिक व भाजपा नेता के बेटे पुलकित आर्य पर लगाया गया है। आरोप है कि यौन शोषण के चलते अंकिता की हत्या की गयी। पुलिस ने इस मामले में अभियोग पंजीकृत कर रिसॉर्ट के मालिक व प्रबंधक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।