नैनीताल। उत्तराखंड में प्रतिपक्ष के नेता व कांग्रेस नेता यशपाल आर्य ने बागेश्वर के फरसाली निवासी कमलेश गोस्वामी नामक युवक की आत्महत्या के बहाने केन्द्र सरकार पर हमला बोलते हुए इसे व्यवस्थागत संगठित हत्या करार दिया है।
आर्य ने गुरुवार को जारी एक बयान में आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार ने पहले सेना में सीधी भर्ती का स्वरूप बदल दिया और इसके बाद पर्वतीय क्षेत्रों के युवाओं को भर्ती में मिली छूट के मानकों को भी बदल दिया। इसी का परिणाम है कि पर्वतीय क्षेत्र के युवा इन मानकों में फिट नहीं बैठ पा रहे हैं और सेना में भर्ती होने का उनका सपना अधूरा रह जा रहा है।

उन्होंने आगे कहा कि इससे वह अवसाद के शिकार होेकर आत्महत्या करने में मजबूर हो रहे हैं। कमलेश गोस्वामी की हत्या इसी का परिणाम है। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्थागत संगठित हत्या है। उन्होंने आगे कहा कि सेना में भर्ती के लिये पर्वतीय क्षेत्रों के युवाओं के लिये पहले 163 सेमी ऊंचाई व 1600 मीटर की दौड़ के लिये 5.40 मिनट का समय निर्धारित था लेकिन केन्द्र सरकार ने मानकों में बदलाव कर इसे 170 सेमी व दौड़ का समय घटाकर 5.00 मिनट कर दिया है। जो कि पर्वतीय क्षेत्रों के युवाओं के साथ अन्याय है।
उन्होंने कहा कि कमलेश के पास एनसीसी का सी प्रमाण पत्र के साथ ही फिजिकल टेस्ट में 100 नंबर थे। फिर भी वह अग्निवीर भर्ती परीक्षा में असफल हो गया। इसी से वह अवसाद में आ गया और उसने परीक्षा परिणाम आने के एक दिन बाद जहर गटक कर मौत को गले लगा लिया। उसे अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी उपचार के दौरान दर्दनाक मौत हो गयी।
कमलेश ने मौत को गले लगाने से पहले एक वीडियो बनाया और उसे सोशल मीडिया पर डालकर फिर मौत का गले लगा लिया। बताया जा रहा है कि कमलेश के घर की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है और वह सेना में जाकर अपने परिवार की स्थिति को बेहतर बनाना चाहता था।