देहरादून। पावर ट्राँसमिशन कारपोरेशन ऑफ उत्तराखण्ड लि0 (पिटकुल) के प्रबन्ध निदेशक पी0 सी0 ध्यानी एवं रेल विकास निगम के प्रमुख अधिशासी निदेशक (विद्युत) डी0सी0 पाण्डे, शुब्रत भट्ट, संयुक्त महाप्रबन्धक (विद्युत) एवं कल्याण सिंह, समन्वय अधिकारी एवं पिटकुल के अन्य अधिकारियों के मध्य आज रेलवे से सम्बन्धित पारेषण कार्याें की समीक्षा बैठक हुई।
रेलवे के डी0सी0 पाण्डे द्वारा अवगत कराया गया कि भारत सरकार द्वारा ऋषिकेश से कर्णप्रयाग के मध्य सामरिक महत्व की रेलवे परियोजना पर रेल विकास निगम कार्य कर रहा है। इसके तहत रेल विकास निगम लगभग 105.00 किमी की नई रेल लाईन का कार्य भी प्रगतिशील है। इसके अतिरिक्त अन्य टनल तथा एस्केप टनल का भी कार्य समानांतर रूप से किया जा रहा है। इस प्रकार सभी टनलिंग का कार्य मिलाकर लगभग 200 किमी तक का कार्य रेल विकास निगम द्वारा सम्पादित होना है। साथ ही साथ उनके द्वारा बताया गया कि माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन में रेलवे द्वारा समस्त रेलवे लाईनों का सम्पूर्ण विद्युतीकरण का कार्य भी दिसम्बर 2023 तक लक्षित है।
प्रबन्ध निदेशक पिटकुल पी0सी0 ध्यानी द्वारा अवगत कराया गया कि पिटकुल द्वारा रेल विकास निगम के लिए पारेषण सम्बन्धी कार्यों की समीक्षा समय-समय पर कार्याें को त्वरित एवं ससमय पूर्ण करने के लिए पिटकुल पूरे मनोयोग से लगा है।
उनके द्वारा अवगत कराया गया कि पिटकुल के द्वारा जी0आई0एस0 तकनीक पर आधारित 132 के0वी0 उपसंस्थान ऋषिकेश एवं रानीहाट (श्रीनगर) पर निर्माणाधीन हैं, एवं कार्यदायी संस्था मैसर्स जैपडेक को स्पष्ट निर्देश दिये जा चुके हैं कि कार्य को ससमय पूर्ण किया जाना लक्षित है एवं कार्य के क्रियान्वयन के दौरान कार्यदायी संस्था की किसी भी लापरवाही को नजरअंदाज नहीं किया जायेगा। मैसर्स ट्रांसग्लोबल द्वारा 132 के0वी0 डबल सर्किट पारेषण लाईनों का निर्माण कार्य ऋषिकेश, श्रीनगर एवं सिवई में किया जा रहा है एवं पिटकुल द्वारा लाईन सर्वे का कार्य, फारेस्ट केस का कार्य व लाईन इंजीनियरिंग सम्बन्धित कार्यों को समानान्तर प्रक्रिया के तहत निस्तारित किया जा रहा है।
साथ ही साथ उनके द्वारा सूचित किया गया कि 132 के0वी0 उपसंस्थान सिमली में ‘‘132 के0वी0 बे’’ निर्माण का कार्य मैसर्स सुहारा पावरलाईन को आवंटित है एवं समय-समय पर इसकी भी समीक्षा की जा रही है। समीक्षा के दौरान कार्य शिथिलता पर मैसर्स सुहारा को नोटिस भी निर्गत किया गया है। इसके साथ ही 132 के0वी0 भूमिगत केबल के माध्यम से भी पारेषण लाईन का कार्य मैसर्स फिनोलेक्स जे0 पावर द्वारा निर्माणाधीन है।
बैठक के दौरान महाप्रबन्धक (वित्त) एस0के0 तोमर, महाप्रबन्धक (मा0सं0) अशोक कुमार जुयाल, महाप्रबन्धक (विधि एवं क0स0) प्रवीन टण्डन, मुख्य अभियन्ता ईला पन्त, अनुपम शर्मा, अनुपम सिंह, अधीक्षण अभियन्ता एस0पी0 आर्य, पंकज कुमार, नीरज पाठक, संतोष कुमार, ललित कुमार, राजकुमार, आदि उपस्थित रहे।