औद्यानिकी को बढ़ावा देने की दिशा में सरकार ने महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया, मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखंड एकीकृत औद्यानिकी विकास परियोजना की लांच – Polkhol

औद्यानिकी को बढ़ावा देने की दिशा में सरकार ने महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया, मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखंड एकीकृत औद्यानिकी विकास परियोजना की लांच

देहरादून : औद्यानिकी को बढ़ावा देने की दिशा में सरकार ने मंगलवार को महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है। इस कड़ी में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जापान इंटरनेशनल कोआपरेशन एजेंसी (जाइका) से वित्त पोषित 526 करोड़ रुपये की लागत वाली उत्तराखंड एकीकृत औद्यानिकी विकास परियोजना लांच की।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य में विभिन्न बाह्य सहायतित एजेंसियां कई क्षेत्रों में परियोजनाओं की स्वीकृति में विशेष रुचि दिखा रही हैं, जो हमारे लिए गर्व की बात है। औद्यानिकी के क्षेत्र में यह पहली योजना है, जो चार जिलों टिहरी, उत्तरकाशी, नैनीताल व पिथौरागढ़ में किसान उत्पादक संगठनों के सहयोग से संचालित की जाएगी।

योजना में कीवी फलोत्पादन को मुख्य रूप से गेम चेंजर फसल के रूप में सम्मिलित करने के साथ ही सेब की अति सघन बागवानी को प्रमुखता से शामिल किया गया है। साथ ही सप्लाई चेन को सशक्त बनाया जाएगा।

बागवानी की दिशा में सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए

मुख्य सेवक सदन में मंगलवार शाम आयोजित परियोजना के लांचिंग समारोह से दिल्ली से वर्चुअली जुड़े मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य की भाैगौलिक परिस्थितियां और जलवायु कृषि व औद्यानिकी फसलों के उत्पादन के लिए अनुकूल है। इसे देखते हुए बागवानी की दिशा में सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

किसानों की आय में बढ़ोतरी को मौनपालन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। नेशनल बी बोर्ड ने राज्य में राष्ट्रीय मौनपालन एवं शहद मिशन के तहत 4.68 करोड़ के प्रस्तावों को मंजूरी दी है। इसके तहत नैनीताल के ज्योलीकोट में शहद संग्रहण एवं प्रसंस्करण इकाई, गुणवत्ता सुनिश्चित करने को टेस्टिंग लैब की स्थापना की जाएगी। शहद को देश-विदेश तक पहुंचाने को इसकी ब्रांडिंग व विपणन पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में स्थापित मेगा फूड पार्क में निवेश आकर्षित करने के उद्देश्य से उद्यमियों को स्टांप शुल्क, बैंक के ब्याज, मंडी से फल-सब्जी की खरीद पर मंडी शुल्क, बिजली बिल व जीएसटी में छूट दी जा रही है।

मौसम आधारित फसल बीमा योजना में ओलावृष्टि से सेब को पहुंचने वाली क्षति को भी शामिल किया गया है। नाबार्ड से 10 करोड़ की लागत वाली क्लाइमेट स्मार्ट माइक्रो इरिगेशन सिस्टम का प्रस्ताव स्वीकृत हुआ है। किसानों को उच्च गुणवत्तायुक्त सेब पौध की उपलब्धता को उत्तरकाशी के भटवाड़ी में टिश्यू कल्चर लैब स्थापित की गई है।

कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि उत्तराखंड को वर्ष 2025 तक औद्यानिकी के क्षेत्र में देश में अग्रणी बनाने को प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि 25 दिसंबर को रूफ गार्डनिंग के क्षेत्र में भी अहम योजना की शुरुआत की जा रही है, जिसमें पायलट प्रोजेक्ट के तहत देहरादून जिले को शामिल किया गया है।

अधिकारियों को किसानों की समस्याओं के समाधान के दृष्टिगत फील्ड में ज्यादा समय देने के निर्देश दिए गए हैं। कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि औद्यानिकी से संबंधित योजनाएं राज्य में पलायन की रोकथाम में मददगार साबित होंगी। कार्यक्रम में सचिव डा बीवीआरसी पुरुषोत्तम, निदेशक उद्यान डा एचएस बवेजा, निदेशक कृषि गौरीशंकर, निदेशक रेशक एके यादव, जाइका के प्रतिनिधि जून वातानाबे, अनुराग सिन्हा, मारिया काटो आदि उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *