नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राज्य की अदालतों में अभियोजन अधिकारियों की कमी के मामले में सोमवार को राज्य सरकार को विस्तृत विवरण देने को कहा।
मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी की अगुवाई वाली पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए सरकार से विस्तृत विवरण देने को कहा है। साथ ही मुख्य सचिव, गृह सचिव, निदेशक (अभियोजन) व लोक सेवा आयोग को पक्षकार बनाने के निर्देश दिये हैं।
देहरादून के जिला एवं सत्र न्यायाधीश के पत्र का स्वतः संज्ञान लेते हुए पीठ ने इस मामले में जनहित याचिका दायर कर ली। इस मामले में आज सुनवाई हुई।

मुख्य न्यायाधीश को संबोधित पत्र में कहा गया कि देहरादून में जिला अदालत में अभियोजन अधिकारियों की कमी है। इसका असर अदालती कार्यवाही पर पड़ रहा है।
सरकार की ओर से कहा गया कि अभियोजन अधिकारियों के पदों को भरने के लिये प्रक्रिया जारी है। लिखित परीक्षा व साक्षात्कार की तैयारी चल रही है। अंत में पीठ ने सरकार को निर्देश दिये कि आगामी 10 जनवरी तक प्रदेश में स्वीकृत पदों के सापेक्ष रिक्त पदों का विवरण अदालत के समक्ष पेश करें। साथ ही पीठ ने मुख्य सचिव, गृह सचिव, निदेशक (अभियोजन) व प्रदेश लोक सेवा आयोग को भी पक्षकार बनाने के निर्देश जारी कर दिये।