नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने बंदी के कगार पर पहुंची सितारगंज की जायडस वेलनेस प्राडक्ट्स लि. कम्पनी को राहत देते हुए सरकार के बंदी को गैरकानूनी घोषित करने संबंधी 30 नवम्बर, 2022 के आदेश पर मंगलवार को रोक लगा दी। अदालत ने तब तक कंपनी से किसी प्रकार की रिकवरी भी नहीं करने को कहा है।
जायडस कंपनी प्रबंधन की ओर से दायर याचिका पर न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की पीठ में सुनवाई हुई। कंपनी प्रबंधन की ओर से बताया गया कि घाटे के चलते कंपनी को आगे चला पाना संभव नहीं हो पा रहा है। इसलिये प्रबंधन की ओर से 18 जून, 2022 को कंपनी में बंदी की घोषणा कर दी गयी।
कंपनी प्रबंधन के इस निर्णय को कर्मचारी यूनियन की ओर से उच्च न्यायालय में चुनौती दी गयी। उच्च न्यायालय ने इस मामले को सुनवाई के लिये प्रदेश सरकार को भेज दिया। श्रम सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने 30 नवम्बर, 2022 को एक आदेश पारित कर कंपनी में बंदी को गैर कानूनी व अवैधानिक घोषित कर दिया।
कंपनी प्रबंधन सरकार के इस आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय पहुंच गया। जायडस वेलनेस प्राडक्ट्स लि. के अधिवक्ता सीके शर्मा ने बताया कि पीठ ने अंतरिम आदेश पारित करते हुए सरकार के 30 नवम्बर, 2022 के आदेश पर रोक लगा दी है और साथ ही कंपनी से किसी भी प्रकार की रिकवरी पर भी रोक जारी कर दी है।
इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार व कर्मचारी संगठन से भी इस पूरे प्रकरण में जवाब पेश करने को कहा है। इस मामले में अगली सुनवाई छह मार्च को होगी।