शिमला। हिमाचल के अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी शुरू हो गई है। लाहौल स्पीति जिले के लोसर में 2 इंच, रोहतांग टनल, कुंजुमपास, बारालाचा में 3 इंच ताजा हिमपात हो चुका है। लाहौल स्पीति, किन्नौर, कुल्लू और चंबा के पांगी, भरमौर के अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी हो रही है। शिमला में भी मौसम ने करवट बदली है। सुबह से आसमान में घने बादल छाए हुए हैं।
पश्चिमी विक्षोभ के एक्टिव होने के बाद अगले पांच दिन मौसम खराब रहेगा। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पाल ने बताया कि किन्नौर, लाहौल स्पीति और कुल्लू जिले में अधिक ऊंचाई वाले कुछेक क्षेत्रों में भारी हिमपात का रेड अलर्ट जारी किया गया है, जबकि शिमला, चंबा, कांगड़ा, मंडी और सिरमौर जिले के ऊंचे इलाकों में भी अगले तीन दिन बर्फबारी हो सकती है।
मौसम विभाग ने चंबा के तीसा और भटियात में अगले दो दिनों में भारी हिमपात का अलर्ट जारी किया है। कांगड़ा के अधिक ऊंचे क्षेत्रों में परसों, किन्नौर में कल व परसों, कुल्लू में कल दिन व रातभर, मंडी के ऊंचे क्षेत्रों में परसों, शिमला में आज रात व कल और सिरमौर जिले में परसों भारी बर्फबारी हो सकती है। पर्यटन कारोबारियों और सैलानियों को बर्फबारी होने की आस बंध गई है, क्योंकि इस बार चंबा, लाहौल-स्पीति और किन्नौर के अधिक ऊंचे क्षेत्रों को छोड़कर प्रदेश के अन्य भागों में बर्फ नहीं गिरी। इससे पर्यटक और पर्यटन कारोबारी मायूस हैं।
अटल टनल रोहतांग के नॉर्थ पोर्टल व साउथ पोर्टल में बर्फबारी होने से टनल की तरफ वाहनों की आवाजाही ठप हो गई है। आपात स्थिति में फोर बाई फोर वाहनों को अनुमति होगी।
वहीं चंबा जिले के जनजातीय क्षेत्र पांगी में भी बर्फबारी हो रही है। चारों तरफ बर्फ की सफेद चादर बिछ गई है। बर्फबारी के चलते तापमान शून्य डिग्री से नीचे लुढ़क गया है जिस कारण क्षेत्र में ठंड बढ़ गई है। राजधानी शिमला में बादल छाए हुए हैं। हिमाचल प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में बुधवार और वीरवार को बारिश और बर्फबारी होने का येलो अलर्ट जारी हुआ है। 14 जनवरी तक प्रदेश के सभी क्षेत्रों में मौसम खराब बना रहने का पूर्वानुमान है।
इस समय किन्नौर जिले में हांगो, चुलिंग, रोपा, ज्ञाबुंग, रुशकलंग, तालिंग, सुन्नम, चारंग, नेसंग आदि क्षेत्रों में बर्फबारी होनी शुरू हो गई है, जबकि कल्पा, सांगला, रिकांगपिओ आदि क्षेत्रों में भी मौसम बरसने की तैयारी में है। किन्नौर के जिन क्षेत्रों में बर्फबारी हो रही है, वहां के बागवानों के चेहरों पर रौनक देखी जा रही है। इस बदलाव के साथ ठंड में भी काफी ज्यादा इजाफा देखा जा रहा है। लोग ठंड से बचने के लिए आग का सहारा ले रहे है।
बर्फबारी के ‘येलो अलर्ट’ के दौरान सैलानियों और स्थानीय लोगों को एहतियात बरतने की सलाह दी गई है। इस दौरान खासकर अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में ट्रैकिंग नहीं करने को बोला गया है।
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के बाद प्रदेशवासियों को ड्राई-स्पैल से राहत मिलने की आस बंध गई है, क्योंकि प्रदेश में 10-11 अक्टूबर 2022 के बाद से ही बारिश-बर्फबारी नहीं हुई। खासकर दिसंबर महीने में लाहौल स्पीति जिले को छोड़कर अन्य सभी जिलों में पानी की बूंद तक नहीं बरसी। इससे किसान-बागवान, पर्यटन कारोबारी व प्रदेशवासी परेशान हैं। जनवरी का पहला सप्ताह भी सूखा गया है।