हमीरपुर। हिमाचल प्रदेश में ऊना जिले के गन्नू मंडवाल गांव के हवलदार अमरीक सिंह का सोमवार सुबह उनके गांव के श्मशान घाट में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
चंडीगढ़ से आज सुबह शहीद के पार्थिव शऱीर को पैतृक गांव लाया गया, जहां भारतीय सेना के जवानों और स्थानीय गांव के लोग उन्हें अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट ले जाया गया। पहले चार दिनों तक खराब मौसम के कारण शहीद के पार्थिव शरीर को दुर्घटनास्थल से एयरलिफ्ट नहीं किया गया था।
हवलदार की मां, पिता, पत्नी और बच्चा उनके पर्थिव शरीर से लिपटकर रो रहे थे। स्थानीय लोग उन्हें सांत्वना देने का प्रयास कर रहे थे। स्थिति को नियंत्रण कर पाना मुश्किल हो रहा था। क्योंकि, उनकी मृत्यु के छह दिन बाद पार्थिव शरीर उनके गांव पहुंचा। हवलदार अमरीक सिंह के पार्थिव शरीर को अमर रहे के नारों के बीच उनके बारह वर्षीय पुत्र अभिनव ने परिजनों और सैकड़ों स्थानीय लोगों और अन्य लोगों की उपस्थिति में चिता को मुखाग्नि दी। उनके अंतिम संस्कार के दौरान विभिन्न राजनीति पार्टी के नेता और जिला प्रशासन के अधिकारी लोग भी मौजूद रहे।
इससे पहले, 14वें डोगरा रेजीमेंट की एक टुकड़ी ने उनके पार्थिव शरीर को सम्मान स्वरूप सलामी देने के लिए हवाई फायरिंग की। उनके ग्राम पंचायत के प्रधान भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि आमरिक बहादुर होने के साथ-साथ मिलनसार भी थे और गांव बहादुर पुत्र और एक अच्छा दोस्त खो दिया।