नेपाल प्लेन क्रैश: बेटा होने की खुशी में 3 दोस्तों के साथ पशुपतिनाथ मंदिर दर्शन करने गया पिता अनहोनी का शिकार – Polkhol

नेपाल प्लेन क्रैश: बेटा होने की खुशी में 3 दोस्तों के साथ पशुपतिनाथ मंदिर दर्शन करने गया पिता अनहोनी का शिकार

गाजीपुर:  तेरे जैसा यार कहां, कहां ऐसा याराना..। याद करेगी दुनियां, तेरा मेरा अफसाना..। 1981 में रिलीज हुई फिल्म ‘याराना’ में किशोर कुमार द्वारा गाया गया यह गीत विमान हादसे में काल-कलवित हुए चारों दोस्तों की गहरी दोस्ती देखकर लोगों की जुबां पर आ गया। नेपाल विमान हादसे के शिकार हुए सोनू जायसवाल, अनिल राजभर, विशाल शर्मा और अभिषेक कुशवाहा चारों में बचपन से गहरी दोस्ती थी। इनके गांवों की आपस में दूरी मात्र तीन किमी है। जहूराबाद बाजार से सटे होने के चलते अक्सर यह सभी यहां मिलते थे। सोनू अन्य दोस्तों के मुकाबले संपन्न था। वह अपने खर्च पर ही तीनों को नेपाल ले गया और सभी दोस्त एक साथ ही दुनिया छोड़कर चले गए।

अलावलपुर स्थित आरडी मेमोरियल पब्लिक स्कूल के संचालक प्रदीप सिंह कुशवाहा ने बताया कि चारों लड़के हमारे यहां ही पढ़े थे। कक्षा नौ में इन चारों की आपस में दोस्ती हुई। स्थानीय लोगों की मानें तो कभी-कभी वे आपस में झगड़ते भी थे, लेकिन कुछ दिनों मे ही फिर दोस्ती हो जाती। समय बदलता गया, लेकिन इनकी दोस्ती यूं ही चलती रही। सोनू जायसवाल अपने काम के सिलसिले में अक्सर बाहर रहता था, लेकिन दोस्तों के संपर्क में रहता था। चारों में सिर्फ सोनू की ही चार वर्ष पूर्व शादी हुई थी।

अनिल राजभर आर्थिक रूप से कमजोर था। गांव की चट्टी पर ही उसकी पान और कंप्यूटर की दुकान थी। इसी तरह धरवा निवासी अभिषेक कुशवाहा भी है। नेपाल में हवाई जहाज में घूमना इनका सपना था। सोनू ने कुछ दिनों पूर्व जब नेपाल जाने की योजना बनाई तो सभी राजी हो गए। सोनू ने अपने खर्च पर सभी को यात्रा कराई।

बेटा होने पर पशुपतिनाथ का दर्शन की मांगी थी मन्नत

नेपाल के पोखरा विमान हादसे में मारे गए क्षेत्र के चार लोगों में से चकजैनब निवासी सोनू जायसवाल ने छह माह पहले पुत्र होने पर पशुपतिनाथ का दर्शन करने की मन्नत मांगी थी। सोनू की दो बेटियों आराध्या (6) और अनामिका (3) के बाद अभी हाल ही में बेटा जीवनदीप पैदा हुआ है। सोनू के पारिवारिक करीबी व ग्राम प्रधान विजय जायसवाल का कहना है कि बेटे के पैदा होने पर सोनू ने नेपाल के पशुपतिनाथ का दर्शन करने की मन्नत मांगी थी। संभवत यही पूरा करने पहुंचा था। दर्शन के बाद वह घूमने जा रहे थे।

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