मंत्री सतपाल महाराज ने कहा- जोशीमठ में जो समस्या आई, उसके समाधान के लिए सरकार हर स्तर पर जुटी – Polkhol

मंत्री सतपाल महाराज ने कहा- जोशीमठ में जो समस्या आई, उसके समाधान के लिए सरकार हर स्तर पर जुटी

देहरादून:  जोशीमठ के कुछ हिस्से में भूधंसाव हुआ है। सड़कों व घरों में दरारें आई हैं। घरों के नीचे सेफ्टी टैंक बने हैं, लेकिन ड्रेनेज सिस्टम नहीं है।

ऐसे में स्रोत फूटने पर मिट्टीयुक्त पानी निकलता है। इसी कारण भूधंसाव हुआ है। इस घटनाक्रम के बाद पौराणिक भविष्यवाणी को जोड़ते हुए प्रचारित किया गया कि जोशीमठ पाताल लोक की तरफ जा रहा है।

जोशीमठ पाताल लोक में नहीं गया, वह अपनी जगह सुरक्षित खड़ा है। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने मीडिया से बातचीत में जोशीमठ से संबंधित प्रश्न पर यह बातें कहीं। उन्होंने कहा कि जोशीमठ में जो समस्या आई है, उसके समाधान के लिए सरकार हर स्तर पर जुटी है।

राज्य में सड़कें पहले भी धंसती रही हैं

कैबिनेट मंत्री महाराज ने कहा कि राज्य में सड़कें पहले भी धंसती रही हैं। भूस्खलन व हिमस्खलन की घटनाएं होती आई हैं। वैसे भी यह संवेदनशील क्षेत्र है और भूकंपीय दृष्टि से जोन-चार व पांच के अंतर्गत है। इस क्षेत्र में भूगर्भीय हलचल होती रहती हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जापान में अक्सर भूकंप आते रहते हैं।

इस दौरान वहां ट्रेनों की गति धीमी हो जाती है। निर्माण कार्य में लगे श्रमिक कुछ देर के लिए रुक जाते हैं। फिर कार्य तेजी से शुरू हो जाते हैं। उत्तराखंड के हिमालयी क्षेत्र के तो आगे खिसकने की बातें आती रही हैं। उन्होंने कहा कि जोशीमठ में राहत कार्यों में सरकार तन्मयता से जुटी है।

 

सेना भी करेगी पुनर्वास में मदद

महाराज ने कहा कि जोशीमठ को लेकर इस प्रकार से प्रचार किया गया कि लोग दहशत में है। उन्होंने कहा कि सभी लोग सुरक्षित हैं। प्रभावितों के पुनर्वास के दृष्टिगत सेना ने भी मदद का आश्वासन दिया है। जरूरत पडऩे पर सेना मदद करेगी।

20 साल पहले हो जाना चाहिए था समाधान

कैबिनेट मंत्री महाराज ने कहा कि जोशीमठ में भूधंसाव नया नहीं है। 20 साल पहले से यह हो रहा है। उनका मानना है कि इसे देखते हुए समस्या का तब ही समाधान हो जाना चाहिए था।

भूकटाव रोकने को बजट जल्द

एक प्रश्न पर उन्होंने कहा कि जोशीमठ में अलकनंदा नदी से भूकटाव रोकने की कार्ययोजना तैयार हो गई है। जल्द ही इसके लिए बजट जारी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जोशीमठ का ड्रेनेज प्लान बनाया जा रहा है।

विज्ञानियों की रिपोर्ट मिलने के बाद पुख्ता ड्रेनेज प्लान को आकार दिया जाएगा, लेकिन तब तक वैकल्पिक ड्रेनेज प्लान की दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि मारवाड़ी बाईपास को भी तटबंध बनाकर मजबूत किया जाएगा। सरकार का प्रयास है कि जोशीमठ फिर से मुस्कुराए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *