आगरा। उत्तर प्रदेश में आगरा के कोतवाली क्षेत्र में मकान ढहने की घटना के सिलसिले में शुक्रवार सुबह धर्मशाला के ट्रस्टी और बिल्डर को गिरफ्तार कर लिया गया। इस मामले में आरोपी ठेकेदार को गुरुवार रात ही गिरफ्तार कर लिया गया था।
इस बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे में मृत बच्ची के परिजनों को दो लाख रुपये की राशि मुआवजे के तौर पर स्वीकृत की है और घायलों के सरकारी खर्चे पर उपचार कराने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश के कैबिनेट मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने मुआवजा राशि का चेक पीड़ित परिवार को सौंपा।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि गुरुवार सुबह हुई सात मकानों के ढहने की घटना में पुलिस ने शुक्रवार की अल सुबह निकट बनी धर्मशाला के ट्रस्टी राजू मेहरा और बिल्डर हरेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले पुलिस ने गुरुवार रात को ही ठेकेदार राघवेंद्र उपाध्याय को गिरफ्तार कर लिया था।
गौरतलब है कि सिटी स्टेशन रोड पर सातों मकानों के निकट बनी पुरानी धर्मशाला में बेसमेंट की खुदाई के कारण टीले पर मकानों में दरार आ गई थी और सात मकान भरभराकर गिर गए थे। मलबे में दबकर चार साल की बच्ची की मौत हो गई थी जबकि दो अन्य घायल हो गए थे।
इस मामले में आगरा विकास प्राधिकरण की भी लापरवाही सामने आई है। बिना नक्शा पास कराए ही धर्मशाला के बेसमेंट में खुदाई कराई जा रही थी। काम रोकने का कोई नोटिस भी नहीं दिया गया था। गुरुवार को हादसे के बाद एडीए के कुछ कर्मचारी मौके पर पहुंचे और हड़बड़ी में राजू मेहरा नाम के ही किसी अन्य व्यक्ति को नोटिस थमा कर चले गए। उस आदमी ने एडीएम सिटी अंजनी कुमार सिंह से इसकी शिकायत की तो एडीए की कारगुजारी का पता चला। कहा जा रहा है कि एडीए कर्मियों ने बैकडेट में नोटिस बना कर हड़बड़ी में गलत आदमी को थमा दिया।