चमोली। ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि वह जोशीमठ आपदा प्रभावितों के साथ खड़े हैं। शंकराचार्य ने कहा कि आगामी 12 फरवरी को शीतकालीन अवकाश के बाद उत्तराखंड उच्च न्यायालय में जोशीमठ आपदा प्रभावितों को न्याय दिलाने के लिए मजबूती से उनका पक्ष रखेंगे।
शंकराचार्य ने आपदा पीड़ितों से सभी पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की। अपने दो दिवसीय प्रवास के दौरान ज्योतिर्मठ परिसर में आपदा प्रभावितों से भेंट करते हुए ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य ने आपदा पीड़ितों से उनकी आपबीती सुनी। आपदा प्रभावितों ने शंकराचार्य को अपनी आप बीती सुनाई। आपदा पीड़ितों को आश्वस्त करते हुए शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि शीतकालीन अवकाश के बाद आगामी 12 फरवरी को जोशीमठ आपदा पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए उच्च न्यायालय नैनीताल में मजबूती से पक्ष रखेंगे । इस दौरान शंकराचार्य ने आपदा के समत प्रभावितों का सहयोग कर रहे युवाओं को सम्मानित किया ।
अपने ज्योतिर्मठ प्रवास के दौरान शंकराचार्य ने जोशीमठ को बचाने के लिए पिछले 16 जनवरी से नृसिंह मंदिर में आयोजित रक्षा महायज्ञ में शामिल होकर दैनिक पूर्णाहुति में भी भाग लिया।
इस अवसर पर श्रीनगर कमलेश्वर मंदिर के श्री महंत आशुतोष पुरी, ज्योतिर्मठ प्रभारी मुकुंदानंद ब्रह्मचारी , श्रवणानंद ब्रह्मचारी , विष्णुप्रियानंद ब्रह्मचारी, नगर पालिका अध्यक्ष शैलेंद्र पवार, प्रवीण नौटियाल, भगवती नंबूरी , शिवानंद उनियाल कुशलानंद बहुगुणा, रवि भट्ट, बाणी विलास डिमरी, समीर डिमरी, श्रीराम डिमरी आदि मौजूद रहे ।
ज्योतिर्मठ प्रभारी ब्रह्मचारी मुकुंदानंद ने बताया कि जोशीमठ के नृसिंह मंदिर में आयोजित रक्षा महायज्ञ में अब तक 307 सहस्त्र चंडी पाठ हो चुके हैं और 571200 आहुतियां हो चुकी हैं ।