मिर्जापुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने मंगलवार को यहां विंध्याचल में विंध्य क्षेत्र की अधिष्ठात्री देवी मां विंध्यवासिनी देवी के दर्शन कर पूजन किया।
भागवत ने आज सुबह लगभग साढ़े दस बजे मां विंध्यवासिनी देवी दरबार में दर्शन पूजन किया। सभी धार्मिक कार्य स्थानीय विधायक रत्नाकर मिश्र की अनुपस्थिति में उनके पुत्र चित्रसेन मिश्र एवं आलोक पाण्डेय पंडा द्वारा कराया गया। श्री भागवत ने पूरे विधि विधान से वैदिक रीति रिवाज से मां की अभ्यर्थना कर आशीर्वाद मांगा। उन्होने धाम में स्थित मां काली मां सरस्वती देवी के लघु त्रिकोण का परिक्रमा कर दर्शन किए। हालांकि उनके प्रोटोकॉल में दर्शन पूजन का कार्यक्रम नहीं था लेकिन प्रसिद्ध शक्तिपीठ में उनकी अटूट आस्था को देखते हुए माना जा रहा था कि वे अवश्य दर्शन पूजन करेंगे और वही हुआ।
इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। पूजन के समय धाम को आम दर्शनार्थियों से खाली करा लिया गया था।
इससे पहले भागवत दो दिन की यात्रा पर सोमवार को यहां देवरहवा बाबा आश्रम पहुंचे थे । उन्होंने आश्रम के हंस बाबा के साथ राष्ट्रीय परिपेक्ष्य में दो घंटे तक बैठक कर चर्चा की। मंगलवार सुबह भागवत आश्रम मे स्थित प्रसिद्ध हनुमान मंदिर में पूजा अर्चना की और 51 मन लड्डू का भोग लगाया। सारा धार्मिक पूजन काशी से आए पंडितों द्वारा सम्पन्न कराया गया। संघ प्रमुख की यहां तीसरी यात्रा थी। आश्रम में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की यात्रा व्यवस्था में स्थानीय स्वयंसेवक थे। पूरे कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। स्थानीय कई थानों की पुलिस के साथ पीएसी के जवानों को तैनात किया गया था। खुद जिलाधिकारी सहित कई अफसर मौजूद थे।