दिल्ली। कपड़ा, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के सहयोग से ऊनी वस्त्र उद्योग को बढ़ावा देने और ‘मेक इन इंडिया’ ऊनी वस्त्रों और परिधानों के लिए भारत को एक वैश्विक केंद्र बनाने में मदद करने के उद्देश्य से यहां तीन दिवसीय इंडिया फैशन टेक्स 2023- रिवर्स बायर सेलर मीट (आरबीएसएम) के तीसरे संस्करण की सोमवार को शुरुआत हुई।
प्रदर्शनी में 15 से अधिक देशों के 200 से अधिक अंतरराष्ट्रीय खरीदार शामिल हो रहे हैं। उनके साथ 100 से अधिक भारतीय प्रदर्शक मौजूद रहेंगे। प्रदर्शनी में इम्पल्स, ली एंड फंग, ट्रिबर्ग, प्यूमा, एडिडास, आइकिया, न्यू टाइम्स ग्रुप, फलाबेला और कई अन्य स्थापित कंपनियों सहित कुछ अंतरराष्ट्रीय ब्रांडों ने वस्त्रों और परिधानों का प्रदर्शन किया।
भारत में ऊनी निर्यात संवर्धन परिषद (डब्ल्यूडब्ल्यूइपीसी ) एवं पावर लूम डेवलपमेंट एंड एक्सपोर्ट प्रमोशन परिषद (पीडीईएक्ससीआईएल) की ओर आयोजित इस प्रदर्शनी में व्यापार सलाहकार एवं विकास आयुक्त शुभ्रा ने अपने उद्घाटन भाषण के दौरान कहा, “भारत के कुल व्यापारिक निर्यात में कपड़ा निर्यात का हिस्सा लगभग 11 प्रतिशत रहा है और आगे बढ़ने की बहुत गुंजाइश है। ”
ऊन और ऊनी निर्यात संवर्धन परिषद के अध्यक्ष रोमेश खजूरिया ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा, “अप्रैल 2022 से जनवरी 2023 की अवधि में पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में आज ऊनी और ऊनी उत्पादों के निर्यात में 29 फीसदी की वृद्धि हुई है। ”
पावरलूम विकास एवं निर्यात संवर्धन परिषद के अध्यक्ष विश्वनाथ आर अग्रवाल ने अपने भाषण के दौरान कहा, “भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, जिसके पास कपड़ा और परिधान में वैश्विक व्यापार का लगभग चार प्रतिशत हिस्सा है। पावरलूम क्षेत्र सभी प्रकार के बुने हुए कपड़े का उत्पादन कर रहा है तथा फैब्रिक और और मेड-अप्स का निर्यात लगभग 8.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। ”
तीन दिवसीय प्रदर्शनी में भारतीय बुनकरों और कारीगरों द्वारा तैयार किए गए यार्न और कपड़े के परिधान, कपड़े के नाइटवेअर, होजरी के सामान, पश्मीना शॉल, मफलर, कंबल, ब्लेज़र, होम टेक्सटाइल आदि शामिल हैं। इंडिया फैशन टेक्स ने एक आकर्षक फैशन शो भी आयोजित की, जिसमें शामिल होने वाली कंपनियों के नये संग्रह को रैंप पर प्रदर्शित किया गया। विभिन्न भारतीय और अंतरराष्ट्रीय मॉडलों ने पारंपरिक भारतीय और पश्चिमी परिधानों में रैंप वॉक किया।