नैनीताल। भारतीय वन सेवा के वरिष्ठ अधिकारी राजीव भरतरि के मामले में प्रदेश सरकार को केन्द्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) से दूसरी बार झटका लगा है। कैट की नैनीताल बेंच ने प्रदेश सरकार की समीक्षा संबंधी प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है।
मामले के अनुसार राज्य सरकार ने 25 नवम्बर, 2021 को एक आदेश जारी कर राजीव भरतरि को प्रमुख मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) के पद से हटा कर जैव विविधिता बोर्ड का अध्यक्ष बना दिया था।
इसके बाद भरतरि ने राज्य सरकार के इस कदम को कैट की नैनीताल पीठ में चुनौती दी। पीठ ने 24 फरवरी को एक आदेश जारी कर राज्य सरकार के स्थानांतरण आदेश को खारिज कर दिया। साथ ही सरकार को श्री भरतरि को पीसीसीएफ पद पर बहाल करने के निर्देश दे दिये।
कैट के इस आदेश के खिलाफ सरकार की ओर से समीक्षा के लिये पुनः प्रार्थना पत्र पेश किया गया। न्यायमूर्ति ओमप्रकाश की पीठ में एक दिन पहले 20 मार्च को इस पर सुनवाई हुई। पीठ ने सरकार के प्रार्थना पत्र को खारिज करते हुए कहा कि पूर्व के आदेश में कोई स्पष्ट त्रुटि नजर नहीं आती है।
यहां बता दें कि इससे पूर्व केन्द्र सरकार भी राज्य सरकार को राजीव भरतरि के मामले में कैट के 24 फरवरी के आदेश का अनुपालन करने को कह चुकी है। कैट के नये आदेश से स्पष्ट है कि सरकार श्री भरतरि के मामले में अब फंस गयी है और श्री भरतरि को पीसीसीएफ पद पर बहाल करने के अलावा कोई रास्ता अब नहीं दिखता है।