अतीक के कार्यालय में मिला हथियारों का जखीरा और नोटों के बंडल – Polkhol

अतीक के कार्यालय में मिला हथियारों का जखीरा और नोटों के बंडल

प्रयागराज।  उमेश पाल हत्याकांड के सिलसिले में प्रयागराज पुलिस ने मंगलवार को धूमनगंज क्षेत्र से पांच शातिरों को गिरफ्तार कर उनकी निशानदेही पर माफिया अतीक अहमद के कार्यालय में छापा मारा। छापे में हथियारों का जखीरा और नगदी के अलावा नोट गिनने की मशीन बरामद की गयी है।

पुलिस सूत्राें ने बताया कि गिरफ्तार लोगों के पास से 2.25 लाख रुपये मिले जबकि अतीक के चकिया स्थित आफिस से 10 पिस्टल और 112 कारतूस के अलावा 74.62 लाख रुपये नगदी और नोट गिनने की मशीन बरामद की।

पुलिस आयुक्त रमित शर्मा ने पुलिस लाइन में संवाददाताओं को बताया कि पुलिस ने अभियुक्तों की जामा तलाशी और अतीक के कार्यालय से कुल 74 लाख 62 हजार रुपये बरामद किए हैं। गिरफ्तार अभियुक्तों में नियाज अहमद शामिल है। अतीक के बेटे असद ने फोन पर इंटरनेट के माध्यम से नियाज अहमद की बातचीत अतीक और अशरफ से कराई थी। नियाज को उमेश पाल की रेकी का काम सौंपा गया था।

शर्मा ने बताया कि इस हत्याकांड की साजिश के लिए कई बैठकें हुई हैं, उन बैठकों में नियाज शामिल था। नियाज के पास से एक फोन बरामद हुआ है। दूसरा अभियुक्त मोहम्मद सजक है जो उमेश पाल के घर के पास का रहने वाला है। इसे असद ने अपने घर पर बुलाकर एक आईफोन दिया था और उस फोन में कुछ नंबर पहले से सेव थे। इस फोन पर इंटरनेट के माध्यम से उमेश का लोकेशन लेने का काम सौंपा गया था। यह अभियुक्त उमेश पाल की गाड़ी आने और जाने की सूचना दिया करता था।

पुलिस आयुक्त ने बताया कि तीसरा अभियुक्त अरशद कटरा उर्फ अरशद खान उमेश पाल और उनके सुरक्षाकर्मियों की हत्या के लिए साजिश रचने की बैठकों में शामिल था। जिन दो अभियुक्तों की निशानदेही असलहा और नकदी बरामद हुई है, उनमें कैश अहमद लगभग 16 साल से अतीक अहमद और उसके परिवार में ड्राइवर के तौर पर काम करता था। घटना के बाद अतीक और अतीक के परिवार के असलहे और नकदी छिपाने का कार्य इसे सौंपा गया था।

शर्मा ने बताया कि पांचवा अभियुक्त राकेश कुमार उर्फ लाला है जो अतीक अहमद के परिवार में घरेलू कार्य और मुंशी का कार्य करता रहा है। घटना के बाद इसे अतीक और अतीक के परिवार द्वारा नकदी और असलहा छिपाने का निर्देश दिया गया था। इन दोनों अभियुक्तों की निशानदेही पर आज असलहा और नकदी बरामद की गई है।

उल्लेखनीय है कि गत 24 फरवरी को राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और उनके दो सुरक्षाकर्मियों की गोली और बम से हत्या कर दी गई थी।

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