नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने बहुद्देश्यीय जमरानी बांध परियोजना के मामले में दायर अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए सरकार को निर्देश दिये कि अभी तक की प्रगति रिपोर्ट अदालत में पेश करें।
न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की पीठ में हल्द्वानी निवासी रवि शंकर जोशी की ओर से दायर अवमानना याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि जमरानी बांध को लेकर अभी तक कोई ठोस प्रगति नहीं हुई है। जिसके बाद न्यायालय ने राज्य को प्रगति रिपोर्ट अदालत में पेश करने के निर्देश दिए।
याचिकाकर्ता अदालत को बताया कि उच्च न्यायालय ने पूर्व में जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिये थे कि जमरानी बांध को लेकर जल्द ही ठोस कदम उठायें। जो भी आवश्यक औपचारिकतायें तथा अनुमति केन्द्र सरकार से लेनी है, उस संबंध में ठोस कार्यवाही करे। इस मामले में आगामी 03 मई को सुनवाई होगी।
अवमानना याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि इस बहुद्देश्यीय परियोजना से विद्युत उत्पादन को भी जोड़ा गया है और केन्द्र सरकार से कुछ मामलों में अनुमति मिल गयी है जबकि कुछ शेष हैं।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता राजीव सिंह बिष्ट ने बताया कि अंत में अदालत ने सरकार को निर्देश दिये कि परियोजना से जुड़ी अभी तक की प्रगति रिपोर्ट अदालत में पेश करें।
याचिकाकर्ता की ओर से वर्ष 2017 में एक जनहित याचिका दायर की गयी कि जमरानी बांध परियोजना 1975 से लंबित है। इस परियोजना से तराई व उप्र के किसानों के साथ ही हजारों लोगों को पेयजल की आपूर्ति होनी है।
याचिकाकर्ता की ओर से अदालत से बांध के जल्द निर्माण की मांग की गयी थी।